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मुख्यमंत्री ने जांजगीर के ऐतिहासिक भीमा तालाब के सौंदर्यीकरण कार्यों का किया लोकार्पण

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जांजगीर जिला मुख्यालय के ऐतिहासिक भीमा तालाब के सौंदर्यीकरण के कार्यों का फीता काटकर विधिवत लोकार्पण किया। लोकार्पण पश्चात उन्होंने तालाब में बोटिंग का आनंद लिया और सौंदर्यीकरण के कार्यों का अवलोकन किया। इस दौरान उनके साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, जांजगीर जिले के प्रभारी और राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भी मौजूद थे। तालाब के सौंदर्यीकरण के कार्यों के अवलोकन के पश्चात मुख्यमंत्री ने 12वीं शताब्दी में स्थापत्यकला से निर्मित ऐतिहासिक विष्णु मंदिर का अवलोकन किया। अवलोकन पश्चात मंदिर के सामने सामूहिक फोटोग्राफी भी कराई।

जांजगीर के ऐतिहासिक भीमा तालाब के आकर्षक सौंदर्यीकरण का कार्य जिला खनिज न्यास मद से 6 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से किया गया है। तालाब के सौंदर्यीकरण से स्थानीय नागरिकों में हर्ष का महौल है। तालाब में प्रवेश के लिए दो आकर्षक भव्य द्वार, चार व्यू-पाईंट, वाहन पार्किंग, चौपाटी का भी निर्माण किया गया है। रात्रि में रंगीन प्रकाश अपनी छटा बिखेरती है। जिससे लोगों का ध्यान सहज ही आकर्षित हो रहा है। सुबह-शाम सैर करने वालों के लिए तालाब के चारों तट में 1.25 किलोमीटर का परिक्रमा पथ, व्यायाम के लिए ओपन जिम की भी व्यवस्था की गई है। बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क झूला बनाया गया है। साथ ही नगरीय विकास प्रशासन की योजना के तहत तालाब पार मेें बापू की कुटिया का निर्माण किया गया है। गार्डन में आगंतुकों के बैठने के लिए चबूतरे बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कैरम बोर्ड पर साधा निशाना

गार्डन में लोगों के मनोरंजन के लिए टी.व्ही. और खेलने के लिए कैरमबोर्ड की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री बघेल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के साथ कैरम बोर्ड पर हाथ आजमाया। प्राचीन विष्णु मंदिर देखने आने वाले दर्शकों को भीमा तालाब का मनमोहक सौंदर्यीकरण आकर्षित करेगा। तालाब के चारों ओर 5000 दर्शकों की क्षमता वाला ओपन ऑडिटोरियम बनाया गया है। रात्रि के समय तालाब के पानी में प्राचीन विष्णु मंदिर का मनोहारी नजारा पर्यटकों को देखने को मिलेगा। सुरक्षा के दृष्टि से स्थायी ग्रिल और आर.सी.सी. वॉल पर बस्तर आर्ट भी बनाया गया है।

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