अब हितग्राहियों को पीडीएस दुकानों के बाहर धूप/बारिश में नहीं खड़ा होना पड़ेगा
रायपुर। आज छत्तीसगढ़ खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत से दुर्ग ग्रामीण विधायक व स्टेट वेयरहाउस कॉर्पोरेशन निगम के अध्यक्ष अरुण वोरा ने मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान फूड टेस्टिंग लैब एवं 1500 मॉडल पीडीएस दुकानों के निर्माण के संबंध में चर्चा हुई।
विशेषकर राज्य भंडारगृह निगम के अंतर्गत आने वाले भंडारगृहों की क्षमता को बढ़ाए जाने के संबंध में बातचीत की गई। साथ ही अरुण वोरा ने छत्तीसगढ़ के भंडारण गृह की क्षमता बढ़ने हेतु भी प्रस्ताव रखा, जिसके सन्दर्भ में विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर जल्द ही निर्णय लिए जाने के लिए मंत्री भगत ने उन्हें आश्वस्त किया।
उपरोक्त चर्चाओं के साथ-साथ नवा रायपुर में फूड टेस्टिंग लैब की स्थापना के विषय पर भी विस्तार से चर्चा हुई। मध्य भारत में शासकीय स्तर का पहला फूड टेस्टिंग लैब छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में स्थापित किया जाना है। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा फूड टेस्टिंग लैब के निर्माण हेतु नवा रायपुर में ज़मीन आवंटित की जा चुकी है, इसका निर्माण भी जल्द ही आरंभ हो जाएगा। अब से पहले तक खाद्यान्नों की गुणवत्ता की जांच हेतु हैदराबाद सैंपल भेजा जाता था।
टेस्टिंग लैब की स्थापना से यह सुविधा नया रायपुर में उपलब्ध हो जाएगी। हाथ से बनी हुई मिठाइयों से ले कर पैकेज्ड आइटम तक की टेस्टिंग हेतु सुविधा नवा रायपुर में ही उपलब्ध होंगी।
मंत्री भगत व एसडब्ल्यूसी के अध्यक्ष अरुण वोरा के बीच छत्तीसगढ़ में जिलावार 1500 मॉडल PDS दुकानों के निर्माण पर भी चर्चा हुई। इसकी प्रक्रिया भी शीघ्र आरंभ हो जाएगी, इसका निर्माण तीन चरणों में प्रस्तावित है। पहले चरण में सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में मॉडल पीडीएस दुकानों का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद ग्रामीण व सुदूर क्षेत्रों में क्रमशः मॉडल पीडीएस दुकानों की स्थापना की जाएगी। इस सम्बन्ध में बजट निर्धारण पर चर्चा हुई।
पीडीएस दुकानों में विश्राम गृह न होने के कारण हितग्राहियों को परेशानी होती थी, विशेषकर गर्मियों और बारिश के समय हितग्राहियों को परेशानी होती थी। मॉडल पीएडीएस दुकानों में दुकानों में विश्राम गृह बनाए जाएंगे, जहाँ बैठकर हितग्राही अपना टोकन नंबर आने का इंतज़ार करेंगे। साथ ही यहाँ प्रसाधन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। साथ ही अन्य राशन सामग्रियों की दुकान भी वहीं लगी हुई होगी, जिससे उचित दाम में उपभोक्ताओं के लिये सामान उपलब्ध होगा। इस मुलाकात के दौरान दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल एवं अन्य अधिकारीगण भी मौजूद थे।