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“पढ़ई तुंहर दुआर” के हमारे नायक के आठवें चरण के अंतिम दिन छत्तीसगढ़ की प्रमुख 5 क्षेत्रीय बोली छत्तीसगढ़ी,हल्बी,गोंडी,सरगुजिया और कुड़ूख में अनुवाद सहित ब्लॉग हुई प्रकाशित

रायपुर। दिनांक 15 जनवरी 2021 । कोविड-19 कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से स्कूल – कॉलेज समेत तमाम शैक्षणिक संस्थान अपने – अपने शैक्षिक सत्र पूरा कर पाते, इससे पहले ही कोरोना संकट के चलते उन्हें 13 मार्च 2020 से बंद कर दिया गया। शिक्षक और अभिभावक बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित थे, तभी प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.आलोक शुक्ला जी अपनी पूरी टीम के साथ बच्चों की पढ़ाई घर पर ही सुरक्षित रहते हुए कराने की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की योजना में भीड़ गये और उन्होंने बहुत ही अल्प समय में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाईन शिक्षा पोर्टल “पढ़ई तुंहर दुआर” तैयार किया, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री महोदय के करकमलों से 7 अप्रैल 2020 को कराया गया। बहुत ही कम समय में इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई ने अपनी गति पकड़ ली ।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में हमारे प्रदेश के शिक्षक और बच्चे सराहनीय योगदान दे रहे हैं। ऐसे ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के शिक्षक और बच्चों को प्रोत्साहित व सम्मानित करने के उद्देश्य से प्रमुख सचिव डॉ.आलोक शुक्ला जी ने राज्य समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ.एम.सुधीश को हमारे नायक कॉलम हेतु नायकों का चयन करने का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा। उन्होंने तत्काल सौंपे गये दायित्व को पूरा करने के लिए कार्य करना प्रारंभ करते हुए, सर्वप्रथम राज्यभर से हमारे नायक कॉलम के लिए ब्लॉग लेखन का कार्य करने हेतु इच्छुक लेखकों से गूगल फार्म के माध्यम से आवेदन सबमिट कराकर, उनका चयन किया । इस टीम के नेतृत्व की जिम्मेदारी सूरजपुर के शिक्षक गौतम शर्मा को दी।

इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों से एक शिक्षक और एक बच्चे का चयन नायक के रूप में करने का प्रक्रिया प्रारंभ की गई। मई माह से प्रारम्भ हमारे नायक कॉलम में ब्लॉक लेखन का कार्य आज आठवां चरण सफलतापूर्वक पूर्ण कर चुका है । अब तक अलग – अलग थीम पर कार्य करने वाले शिक्षकों और विद्यार्थियों को नायक बनने का अवसर प्राप्त हो चुका है। समय-समय पर नए – नए कार्यों का समावेश करना तथा उन्हें प्रत्येक शिक्षक एवं विद्यार्थियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश ने बखूबी निभाई । अब तक प्रदेश के लगभग 450 शिक्षक और विद्यार्थियों का चयन हमारे नायक के रूप में हो चुका हैं।

वर्तमान में प्रदेश की क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हमारे नायक कॉलम के आठवें चरण से छत्तीसगढ़ की विभिन्न क्षेत्रीय बोलियों में भी सफलतापूर्वक ब्लॉग लेखन का कार्य किया जा रहा है। अब तक हमारे नायक कॉलम में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत सहित छत्तीसगढ़ी, गोंडी और सरगुजिया भाषा में ब्लॉग लेखन किया जा चुका है। हमारे नायक के आठवें चरण के अंतिम दिन हिन्दी ब्लॉग का प्रदेश के प्रमुख 5 बोलियों छत्तीसगढ़ी, हल्बी, गोंडी, सरगुजिया और कुड़ूख में अनुवाद के साथ प्रकाशन होगा।

जो पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के हमारे नायक कॉलम की बहुत बड़ी उपलब्धि है। दिनाँक 16 जनवरी 2021 को हमारे नायक कॉलम में इन प्रमुख 5 क्षेत्रीय बोलियों में शिक्षक संवर्ग में स्टोरीविवर की वेबसाईट पर 300 से अधिक कहानियों का लेखन और अनुवाद करने वाले मुंगेली जिले के शिक्षक सूरज तिवारी तथा विद्यार्थी संवर्ग में सोशल मीडिया पर छत्तीसगढ़ की राजगीत “अरपा पैरी के धार” के वायरल वीडियों से छत्तीसगढ़ के हजारों लोगों को अपने मधुर आवाज का दीवाना बनाने वाले जांजगीर-चांपा जिले के विशेष आवश्यकता वाले दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्र धर्मेश दास महंत का ब्लॉग प्रकाशित होगा।

इस विशेष ब्लॉग में विभिन्न क्षेत्रीय बोलियों को प्रदर्शित करने के लिए अलग – अलग रंगों में ब्लॉग अपलोड किया जायेगा। शिक्षक और विद्यार्थी दोनों का ब्लॉग लेखन हमारे नायक कॉलम के ब्लॉग लेखक और टीम नेतृत्वकर्ता सूरजपुर जिले के शिक्षक गौतम शर्मा ने किया है तथा छत्तीसगढ़ी में अनुवाद रायपुर जिले के ब्लॉग लेखक लोकेश कुमार वर्मा और बलौदाबाजार जिले की ब्लॉग लेखक  सीमा मिश्रा ने, हल्बी में अनुवाद बस्तर जिले के शिक्षक महेन्द्र सिंह ठाकुर ने, गोंडी में अनुवाद राजनांदगाँव जिले के शिक्षक सदाराम धुर्वे ने, सरगुजिया में अनुवाद सूरजपुर जिले के ब्लॉग लेखक धर्मानंद गोजे ने तथा कुड़ूख में अनुवाद जशपुर जिले के शिक्षक रामेश्वर प्रसाद भगत ने किया है। इस विभिन्न भाषायी ब्लॉग लेखन की सफलता के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.आलोक शुक्ला और राज्य समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ.एम.सुधीश ने हमारे नायक कॉलम के ब्लॉग लेखक की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित किया ।

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