नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 54 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में अपनी ट्रैक्टर परेड निकालेंगे और इस कार्यक्रम के आयोजन में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. वहीं आज देश कि सबसे बड़ी अदालत तीनों कृषि कानूनों और किसानों के प्रदर्शन पर सुनवाई करेगी.
रविवार को किसान संगठनों के नेता योगेंद्र यादव ने सिंघू बार्डर पर कहा कि हम 26 जनवरी को दिल्ली में बाहरी रिंग रोड पर एक ट्रैक्टर परेड करेंगे. परेड बहुत शांतिपूर्ण होगी. गणतंत्र दिवस परेड में कोई भी बाधा नहीं आएगी. किसान अपने ट्रैक्टरों पर राष्ट्रीय झंडा लगायेंगे. प्राधिकारियों ने किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च या ऐसे किसी अन्य तरह के विरोध प्रदर्शन पर रोक की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है, ताकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में किसी किस्म की बाधा न आये.
सर्वोच्च न्यायालय गतिरोध को समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति के एक सदस्य के खुद को अलग कर लेने के मामले पर भी गौर कर सकती है. अदालत दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल की गयी केंद्र सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर या ट्रॉली मार्च या किसी अन्य तरह के प्रदर्शन पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है.