मुख्यमंत्री बघेल ने शहीद विद्याचरण शुक्ल चौक का किया लोकार्पण
रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज झीरम घाटी में शहीद स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल चौक का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने झीरम के शहीदों को याद करते हुए वहां स्थापित शहीदों की नाम पट्टिका का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 55 लाख रूपए की लागत से स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल के नाम पर स्थापित चौक में सौंदर्यीकरण कार्यों और वहां स्थापित आकर्षक फव्वारे को भी रायपुर की जनता को समर्पित किया।
लोकार्पण कार्यक्रम में स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल के व्यक्तित्व और जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि रायपुर और स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल का चोली-दामन का साथ रहा है। उनके कारण छत्तीसगढ़ को पूरे देश और दुनिया में पहचान मिली। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में भी उनका अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय शुक्ल चाहे पद में रहे हों या न रहे हों, जनकल्याण के लिए वे सदा समर्पित और सक्रिय रहे। उनके जीवन से हम बहुत सी बातें सीख सकते हैं। स्वर्गीय शुक्ल ने हमेशा युवाओं को आगे बढ़ाने का काम किया। मुख्यमंत्री ने उनके नाम पर स्थापित इस चौक में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की बात कही। उन्होंने स्वर्गीय शुक्ल के भतीजे पूर्व मंत्री अमितेष शुक्ल को शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल जुझारू नेता थे। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उनकी यादों और योगदान को संजोकर रखने के लिए शहर में उनके नाम पर इस चौक को स्थापित किया गया है। लोकार्पण कार्यक्रम को पूर्व मंत्री एवं विधायक सर्वश्री सत्यनारायण शर्मा, अमितेष शुक्ल, बृजमोहन अग्रवाल और महापौर एजाज ढ़ेबर ने भी संबोधित करते हुए स्वर्गीय श्री शुक्ल के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया।
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी, विधायक धनेन्द्र साहू, प्रकाश नायक,अनिता शर्मा, रायपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा, रायपुर के कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन और नगर निगम के आयुक्त सौरभ कुमार सहित एमआईसी सदस्य एवं झीरम घाटी के शहीदों के परिजन भी मौजूद थे।