कोरबा : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बाल्को संयंत्र का विस्तार कर एल्युमीनियम उत्पादन क्षमता बढ़ाने की परियोजना के लिए कल हो रही पर्यावरण जन सुनवाई को स्थगित करने की मांग की है। माकपा ने आरोप लगाया है कि यह जन सुनवाई वास्तविक तथ्यों को छुपाकर, गलत आंकड़ें पेश कर तथा आम जनता की जानकारी के बिना आयोजित की जा रही है, ताकि पर्यावरणीय स्वीकृति आसानी से हासिल की जा सके।
आज यहां जारी एक बयान में माकपा के कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार कोरबा का औद्योगिक क्षेत्र देश का तीसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्र है। यहां का प्रदूषण सूचकांक 69.11 दर्ज किया गया है, जिसके कारण यहां की आबादी का 12% हिस्सा अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और त्वचा रोग जैसी बीमारियों से जूझ रहा है। कोरबा के पर्यावरण और स्वास्थ्य की इस तबाही में बाल्को अपनी जिम्मेदारी से इंकार नहीं कर सकता, जिसने आज तक पर्यावरण विभाग द्वारा जारी किसी भी नोटिस का जवाब नहीं दिया है। झा ने कहा है कि पहले बाल्को इन नोटिसों का जवाब दें, पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करे, फिर परियोजना विस्तार के लिए जन स्वीकृति हासिल करें।
माकपा नेता ने कहा है कि इस परियोजना विस्तार के लिए पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने के लिए बाल्को प्रबंधन रोजगार मिलने के झूठे आंकड़े पेश कर रहा है। सच्चाई तो यह है कि एक ओर अपने ही प्लांट बीसीपीपी को वह चला नहीं पा रहा है और सैकड़ों मजदूरों को काम से निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना विस्तार के जरिये जो रोजगार देने का दावा किया जा रहा है, उसकी प्रकृति अस्थायी और ठेका श्रेणी की ही होगी। वर्तमान प्लांट में लगभग 300 नियमित कर्मचारी और 2200 ठेका मजदूर काम कर रहे हैं, जबकि विस्तारित परियोजना में केवल 1050 मजदूरों को ही रोजगार मिलेगा। माकपा ने पूछा है कि यह रोजगार का संकुचन है या सृजन?
उन्होंने कहा कि बाल्को प्रबंधन को यह स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि विस्तारित परियोजना से जो एक लाख टन राखड़ निकलेगी, उसका निपटारा किस तरह किया जाएगा, क्योंकि वर्तमान प्लांट से जो राखड़ निकल रहा है, वह नदी-नालों और खेती-किसानी को भी तबाह कर रहा है और बाल्को प्रबंधन इसका समाधान करने में असफल रहा है। राखड़ निपटारे के मामले में बाल्को का रिकॉर्ड बहुत ही खराब है।
माकपा ने कहा है कि यदि पर्यावरण जन सुनवाई को स्थगित नहीं किया जाता, तो इस क्षेत्र की जनता का तीखा विरोध बाल्को प्रबंधन और जिला प्रशासन को झेलना पड़ेगा।