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अप्लास्टिक एनिमिया की जागरूकता के लिए शहर में भ्रमण करेगा स्वास्थ रथ

• सांसद शंकर ललवानी द्वारा रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जायेगा
• 4 मार्च को आयोजित किया जाएगा नि:शुल्क अप्लास्टिक एनिमिया अवेयरनेस सेमीनार
• रथ द्वारा अप्लास्टिक एनिमिया के खतरे, बचाव और इलाज के बारे में जागरूक किया जायेगा

इंदौर । आमतौर पर एनिमिया को लोग छोटी बीमारी समझते हैं और इसे गंभीरता से नहीं लेते, जबकि ये एक ऐसी बीमारी है, जो कई अन्य बीमारीयों को जन्म देती है। प्रति वर्ष 4 मार्च को विश्व एनिमिया दिवस मनाया जाता है l आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन एवं मेडिकल और हेल्थ मैग्जीन सेहत एवं सूरत और एडवांस्ड होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च एवं वेलफेसर सोसायटी के सहयोग से एनिमिया अवेयरनेस पर प्रतिवर्ष आयोजन किया जाता है। इसी श्रंखला में इस वर्ष भी एनिमिया के बारे में जागरुक करने के साथ ही उसके कारण खतरों, बचाव और इलाज की जानकारी देने के लिए एक स्वास्थ रथ तैयार किया गया है, जिसमे 5 से 6 वोलिएंटर्स भी साथ में रहेंगे। ये लोग होम्योपैथिक इलाज तथा खान–पान के बारे में जानकारी के साथ साथ, बुकलेट भी नि:शुल्क लोगों को प्रदान करेंगे l

डॉ. एके द्विवेदी ने बताया – स्वास्थ रथ एनिमिया के खतरों के साथ उसके बचाव और इलाज की जानकारी देने के लिए ही इस रथ को शहर में घुमाया जायेगा । 28 फरवरी को सुबह 9.30 बजे सांसद शकर लालवानी द्वारा रवाना किया जायेगा l यह रथ 28 फरवरी को निकल कर 4 मार्च तक शहर के कई इलाको में घूमेगा और लोगो को अप्लास्टिक एनिमिया के बारे में जागरूक करेगाl इस रथ की यात्रा 4 मार्च को होटल अमर विलास ए बी रोड पर ख़त्म होगी, जहा पर नि:शुल्क अप्लास्टिक एनिमिया अवेयरनेस सेमीनार भी आयोजीत होगा । नि:शुल्क सेमिनार के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है।

आगे डॉ. एके द्विवेदी ने बताया की “दांतो या मसूड़ों से लगातार खून निकलना, लंबे समय तक मासिक धर्म की समस्या से ग्रस्त रहना और पाइल्स की वजह से मल में खून आना, इनमें से किसी भी कारण से व्यक्ति अप्लास्टिक एनिमिया का शिकार हो सकता है। कई लोग बुखार, जोड़ों में दर्द या स्कीन की समस्या की दवाई खुद ही लंबे समय तक लेते रहते हैं उन्हें भी अप्लास्टिक एनिमिया होने की आशंका ज्यादा रहती है। बगैर डॉक्टरी सलाह के लंबे समय तक किसी भी दवाई को लेना एनिमिया को आमंत्रित करता है। किमौथैरेपी के कारण भी एनिमिया भी होने का खतरा रहता है। हम ऐसी गंभीर बीमारी के बारे में लोगों को जागरुक करना चाहते हैं। यदि लोग शरीर में हिमोग्लोबीन की मात्रा बनाएं रखें और नियमित हिमोग्लोबीन की जांच करवाते रहें तो एनिमिया सहित कई बीमारियों से बच सकते हैं।“

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