मंत्री रविन्द्र चौबे से सम्बद्ध विभागों की 7785 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे ध्वनित से पारित

  • कृषि विभाग के बजट में 13 प्रतिशत की वृद्धि,किसानों को लाभ पहुंचाने लाख और मछली पालन को कृषि का दर्जा
  • छत्तीसगढ़ में दो वर्षों में कृषि के क्षेत्र में रकबा और उत्पादन बढ़ा
  • कोरोना काल में किसानों के खाते में 23555 करोड़ रूपए हस्तांतरित
  • सभी प्राथमिक सहकारी समितियों में बनेगा किसान कुटीर
  • सिंचाई सुविधा बढ़ाने बनेगी मेगा लिफ्ट ऐरिगेशन सिस्टम
  • राज्य के सभी गौठान बनेंगे मल्टीयूटिलिटी सेंटर

रायपुर, 05 मार्च 2021 : कृषि, जल संसाधन, पशुपालन, मछली पालन एवं संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 7785 करोड़ 76 लाख रूपए की प्रस्तुत अनुदान मांगे ध्वनि मत से पारित की गई। इसमें राज्य विधान मंडल के लिए 70 करोड़ 49 लाख 30 हजार रूपए, कृषि विभाग के लिए 4604 करोड़ 53 लाख 98 हजार रूपए, पशुपालन विभाग के लिए 473 करोड़ 82 लाख 39 हजार रूपए, मछली पालन विभाग के लिए 82 करोड़ 38 लाख 40 हजार रूपए, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा से संबंधी व्यय के लिए 255 करोड़ रूपए, जल संसाधन विभाग के लिए 1139 करोड़ 47 लाख 58 हजार रूपए,

लघु सिंचाई निर्माण कार्य के लिए 453 करोड़ 98 लाख 36 हजार रूपए, जल संसाधन विभाग से संबंधित नाबार्ड से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 699 करोड़ 6 लाख रूपए और विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 7 करोड़ रूपए शामिल है। अनुदान मांगों की चर्चा में विधानसभा सदस्य धनेन्द्र साहू,सत्यनारायण शर्मा, प्रकाश नायक,शैलेष पाण्डेय,धर्मजीत सिंह,ममता चंद्राकर, रामकुमार यादव,उत्तरी जांगड़े और आशीष छाबड़ा ने भाग लिया।

मंत्री चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 95 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसानों के हित में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को लाभ पहूँचाने के लिए लाख की खेती और मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया जाना है, इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है। कृषि बजट में गतवर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले दो साल में खेती किसानी के लिए खाद, बीज, कृषि ऋण, खेती का रकबा और उत्पादन में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी कृषि क्षेत्र में भी विकास की गति को जारी रखते हुए कोविड चुनौती को अवसर में बदला गया। कोरोना काल में किसानों के खाते में 23 हजार 555 करोड़ रूपए किसानों के खाते में हस्तांतरित किया गया है।

मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि प्रदेश के किसानों की सुविधा के लिए सभी प्राथमिक समितियों में चबूतरों में शेड बनाया जाएगा, इसके साथ ही किसान कुटीर भी बनाए जाएंगे। जहां किसानों के लिए बैठने, पेयजल आदि की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि किसानों, ग्रामीणों, पशुपालकों और महिला स्व सहायता समूहों को लाभ पहूँचाने के लिए प्रदेश के सभी गौठानों को मल्टीयूटिलिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। मंत्री चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न कृषि उत्पादों को प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर एक ही छत के नीचे बेचने के लिए सी मार्ट योजना का भी बजट में प्रावधान किया गया है। मंत्री चौबे ने कहा कि सिंचाई सुविधाओं में विस्तार के लिए नदियों के किनारे जहां जल स्त्रोत उपलब्ध है वहां मेगा लिफ्ट ऐरिगेशन सिस्टम तैयार किया जाएगा।

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