दुर्ग 31 मार्च 2021 : जिला प्रशासन द्वारा अब तक आए पाजिटिव मरीजों की केस हिस्ट्री की समीक्षा करने के बाद निष्कर्ष निकला है कि अधिकतर मामलों में परिवार के एक सदस्य के पाजिटिव आने के बाद पूरा परिवार संक्रमित हो गया। इस तरह के मामलों में आइसोलेशन के प्रति पूरी तरह से सजगता नहीं बरतने से पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ गया।
कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि यदि परिवार में किसी को भी कोरोना के लक्षण प्रतीत हों तो उसे आइसोलेट कर दें और उसका टेस्ट कराएं। पाजिटिव आने पर और डाक्टर द्वारा होम आइसोलेशन की अनुमति देने पर उसके आइसोलेशन में पूरी तरह सावधानी बरतें। यदि इसमें सावधानी नहीं बरती गई तो पूरे परिवार के संक्रमित होने की आशंका बनेगी। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है और सजगता में थोड़ी सी भी चूक होने पर इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं।
कलेक्टर ने कहा कि आइसोलेटेड मरीजों से कम प्रतिरोध वाले लोगों को एवं बुजुर्ग लोगों को संक्रमण का अत्याधिक खतरा हो सकता है। इसके साथ ही इन्हें बच्चों से भी दूर रखने की जरूरत है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है लेकिन बच्चे सुपर स्प्रेडर होते हैं और इस बात की आशंका रहती है कि आइसोलेटेड मरीज के संपर्क में आने पर वो बीमारी से काफी संख्या में लोगों तक संक्रमण फैला दें। कलेक्टर ने नागरिकों से कोरोना का लक्षण उभरते ही टेस्ट कराने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि जितने जल्दी टेस्ट करा लेंगे, कोरोना पर नियंत्रण आसान हो जाएगा।
विलंब से टेस्ट कराये जाने से कोरोना संक्रमण के फेफड़ों तक प्रसारित होने की आशंका होती है और तब स्थिति काफी गंभीर हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से जिला प्रशासन द्वारा 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों का वैक्सीनेशन आरंभ कर दिया जाएगा। कोरोना से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण रास्ता व्यापक टीकाकरण ही है। उन्होंने 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को निकटस्थ स्वास्थ्य केंद्र में जाकर टीका लगवाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि नागरिकों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा सारे महत्वपूर्ण जगहों में टीकाकरण केंद्र आरंभ किये गए हैं, इससे नागरिक अपने घर के पास ही के केंद्र में टीका लगवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित है और अब तक जिले के हजारों लोग सुरक्षित रूप से टीका लगवा चुके हैं।