- 1000 बिस्तरों के आईसीयू की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार दे सहायता
- टेस्टिंग और वैक्सीनेशन में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर
- प्रदेश में अब तक 33.61 लाख वैक्सीन की डोज दी गई
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कोविड-19 संक्रमण पर मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कोविड-19 संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों और टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा के लिये आज आयोजित वर्चुअल बैठक में केन्द्र सरकार से छत्तीसगढ़ राज्य की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ को एक सप्ताह की जरूरत का वैक्सीन एडवांस में उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे दूरस्थ क्षेत्रों के जिलों में वैक्सिनेशन में आसानी होगी।
बघेल ने कोरोना के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाईयों और उपकरणों पर जीएसटी की दर कम करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि इससे इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों पर कम आर्थिक भार पड़ेगा। बघेल ने केन्द्र सरकार से राज्य की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए रेमडेसीवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेण्डर्स की सतत आपूर्ति करने, प्रदेश में 4 वायरोलॉजी लैब और एक बीएसएल-4 लैब की स्थापना तथा 1000 बिस्तरों के आईसीयू के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सहायता उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने रायपुर स्थित निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में शामिल हुए। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्ले, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संचालक स्वास्थ्य नीरज बंसोड़ और संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. प्रियंका शुक्ला उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में टीकाकरण की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में 87 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्करों, 84 प्रतिशत फ्रंटलाईन वर्कर और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 43 प्रतिशत लोगों को टीके की प्रथम डोज दी जा चुकी है। राज्य में 7 अप्रैल तक 33 लाख 61 हजार वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में टेस्टिंग क्षमता विशेषकर आरटीपीसीआर और ट्रू नॉट टेस्ट की क्षमता बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। माह फरवरी में दैनिक औसत टेस्टिंग 21 हजार 142 थी, जो मार्च में बढ़कर 30 हजार 501 और अप्रैल में बढ़कर 39 हजार हो गई है।
छत्तीसगढ़ में प्रति 10 लाख पर 2 लाख 4 हजार 420 टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 10 लाख पर एक लाख 89 हजार 664 टेस्ट किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन 10 लाख आबादी पर 1435 टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन 10 लाख आबादी पर 929 है। उन्होंने बताया कि राज्य में अक्टूबर 2020 में आरटीपीसीआर जांच का प्रतिशत 26 प्रतिशत था, जो अप्रैल 2021 में बढ़कर लगभग 40 प्रतिशत हो गया है। राज्य में वर्तमान में 7 शासकीय लैब तथा 5 निजी लैब में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त राज्य में 4 नई शासकीय आरटीपीसीआर लैब महासमुंद, कांकेर, कोरबा और कोरिया में स्थापित की जा रही हैं। इसके साथ ही 31 शासकीय लैब तथा 5 निजी लैब में ट्रू नॉट जांच की सुविधा उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के उपायों की जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज चिकित्सकों से जल्द इलाज कराएं इसके लिए शासकीय अमले के अलावा राज्य के सभी सामाजिक संगठनों के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त मरीजों की शीघ्र पहचान के लिए एक्टिव सर्विलेंस पर भी जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 207 कंटेनमेंट जोन घोषित किये गए हैं। प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में घर-घर जाकर एक्टिव सर्विलेंस और टेस्टिंग की जा रही है। सार्वजनिक स्थलों में मास्क न पहनने की स्थिति में 500 रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए ट्रांसमिशन की चेन तोड़ने के लिए रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा जिले में लॉकडाउन भी लगाया गया है।