रायपुर। कोविड़ नियमों का पालन करते हुए श्री महावीर भवन पाठशाला के बच्चों ने शांति विजय काम्प्लेक्स में महावीर जयंती मनाई गई । नवकार मंत्र से कार्यक्रम की शुरुवात के बाद माया ममता मोह का बंधन तोड़ के कैसे आप निकले घर छोड के भजन गाने के साथ ही बच्चे भगवान महावीर के जीवन से सम्बंधित प्रसंग को प्रस्तुत करने पात्रों की वेशभूषा धारण करके आये और छोटे से नाटक में भगवान के जीवन दर्शन को दर्शाया।
यह जानकारी भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव समिति के अध्यक्ष महेन्द्र कोचर ने देते हुए बताया की प्रियंवदा दासी द्वारा राजा सिद्धार्थ को बधाई देना , माता त्रिशला अपने भाव रखती है कहती है हमारे यहाँ आज बहुत आनंद है आज कुण्डलपुर नगरी में चउदह स्वप्न धारी दिव्य रत्न पुत्र का जन्म हुआ है ये पुत्र हिम्मतवाला तेजस्वी अनंत शक्तिवान और सुख संपत्ति वाला है।
इसलिए इसका नाम वर्धमान रखे है। महासचिव चन्द्रेश शाह ने बताया कि इंद्र द्वारा भगवान का जन्मकल्याणक व अभिषेक बताया गया, वही भगवान की प्रथम शिष्या चन्दनबाला से तेरह अभिग्राह का पारणा और ग्वाले का उपसर्ग का नाट्य रूप दिखाया गया कि कैसे ग्वाला भगवान के कानों में खिल ठोकता है और भगवान ऐसे समभाव से सहते है। अंत में श्रेणिक राजा की भक्ति को दिखाया गया कैसे श्रेणिक राजा भगवान के कुशलता का समाचार सुन के ही आहार ग्रहण करते थे| इस कार्यक्रम में पदमा जैन, सुरभि जैन , पंकजा चोपड़ा ,राकेश चोपड़ा , चंचल बैद , निधि बैद ,पूजा गोलछा ,सरिता गोलछा, दर्शन गोलछा, मल्ली बैद , विजय बैद ,डॉ गुलाब बैद ,कोमल बैद शामिल हुए।
नाटक में बच्चे जो बने -त्रिशला रानी – भवी बैद, सिद्धार्थ राजा – कपिल बैद, प्रियम्वदा दासी – नीव्या गोलछा ,इंद्र – सम्यक चोपड़ा ,महावीर स्वामी – श्रेय चोपड़ा ,चन्दन बाला – आर्ना पारख ,ग्वाला – करण गोलछा ,श्रेणिक राजा – विदान चोपड़ा।