रायपुर : सामाजिक कार्यकर्ता सावित्री जगत ने निजी अस्पतालों को अधिग्रहित करने का सुझाव दिया है। यदि सरकार इस पर अमल करें तो आधी समस्या दूर हो सकती और प्रदेश की जनता लूटने से बच जाएगी। प्रदेश की निजी हॉस्पिटलों की मनमानी पर रोक लगाने और कोविड मरीजो का निःशुल्क उपचार करने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
जगत ने कहा है कि प्रदेश की जनता वैश्विक महामारी से जूझ रहे है और इसका बेजा फायदा निजी हॉस्पिटल के संचालक उठा रहे है। इन अस्पतालों में मरीजो के सांस का सौदा हो रहा हैं। इस लगाम लगने के लिए सभी निजी अस्पतालों को सरकार अपने कब्जे में लेकर मरीजो का निशुल्क उपचार कराएं।
सामाजिक कार्यकर्ता सावित्री जगत ने लिखे पत्र मे उल्लेख किया गया है की प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा भर्ती कोरोना मरीजो से मनमाना पैसा लिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमित प्रत्येक मरीज से इलाज के नाम पर दो से ढाई लाख रुपये लिए जा रहे है। इस पर कलेक्टरों का नियंत्रण भी नहीं है।
गरीब व्यक्ति के इलाज में भी आयुष्मान योजना से इलाज नहीं किया जा रहा है, जिससे गरीब व्यक्ति को इलाज के अभाव में जान गवाना पड़ रहा है। छ.ग प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में भी दवाई व इंजेक्शन की कमी को भी ठीक करवाये क्योकि वहाँ भी लोगो को इंजेक्शन बाजार से खरीदना पड़ रहा है, तो गरीब आदमी कहा से पैसा लायेगा। यदि सरकार को आवश्यक लगे तो जिला विकास का पैसा इंजेक्शन व दवाई खरीदने में लगाया जाये, क्योकि यदि एक साल जिले का विकास रुक भी जाये तो वो ठीक है लेकिन किसी भी व्यक्ति की जिंदगी न गवाना पड़े।
प्राइवेट अस्पतालों को सरकार अपने अधीन कर ले तो कोरोना के मरीजो से प्राइवेट अस्पताल के संचालको द्वारा मनमानी वसूली पर रोक लग सकती है। सभी शासकीय अस्पतालों में दवाई व इंजेक्सन की कमी को भी पूर्ति कराना चाहेंगे जिससे गरीबो को रेमडीसिविर इंजेक्शन निःशुल्क लगाया जा सके या आयुष्मान योजना से इलाज कराया जा सके ऐसा निर्देश सभी जिला कलेक्टर को देने का मांग किये है ।