डूंगरपुर मामले में आजम को दस साल की सजा
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डूंगरपुर मामले में आजम को दस साल की सजा

रामपुर । उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता मोहम्मद आजम खान को डूंगरपुर प्रकरण में दस साल की सजा सुनायी है। चर्चित डूंगरपुर मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान को गुनहगार माना है। कोर्ट ने आजम खान को 10 साल की सजा और 14 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही दूसरे दोषी को सात साल की सजा और छह लाख रुपये जुर्माना लगाया है। एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को बीते बुधवार दोषी करार दिया था और फैसला सुरक्षित कर लिया था। पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को डूंगरपुर प्रकरण में आज एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) के न्यायाधीश डा विजय कुमार ने दोषी ठहराया है। साथ ही सजा पर आज फैसला सुनाया गया। आजम खां सीतापुर जेल में बंद हैं। जेल से ही वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उनकी पेशी हुई। गौरतलब है कि तत्कालीन सपा सरकार में साल 2016 में डूंगरपुर बस्ती में रह रहे लोगों के मकान तोड़कर सरकारी आसरा कॉलोनी बनाई गई थी। वर्ष 2019 में 12 लोगों ने थाना गंज कोतवाली में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि तत्कालीन सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनका सामान लूट लिया और मकानों को ध्वस्त कर दिया था। इन मुकदमों में आजम खां का नाम विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा शामिल किया गया था। आजम खान के साथ बरकत ठेकेदार को भी दोषी माना गया है। डूंगरपुर मामले में 12 मुकदमें दर्ज किए गए थे। इनमें दो केस में आज़म खान बरी हो चुके हैं, जबकि एक अन्य मामले में पहले सजा दी गई है। जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा सिंह राणा ने बताया कि आज वादी अबरार पुत्र नन्हें खां द्वारा दायर केस में सजा सुनाई गई। इसमें तीन लोगों के खिलाफ ट्रायल चल रहा था, जिसमें पूर्व रिटायर्ड सीओ आले हसन खां की पत्रावली अलग कर दी गई थी।

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