रायपुर (धरसींवा, खरोरा ) : 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति द्वारा ग्राम बंगोली तथा ग्राम मांठ में ध्वजारोहण कर बुजुर्गों का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया और ध्वजारोहण के पश्चात बैठक कर गांव-गांव में आम जनता के समस्यों को लेकर जनहित में कार्य करने पर चर्चा हुई और छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति के संगठन विस्तार किया गया। संगठन के सदस्यों ने चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति के मुख्य उद्देश्य पर चर्चा हुई और चर्चा करते हुए सभी सदस्यों के सहमति से समिति के उद्देश्य का निर्माण किया गया।
छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष हुलास साहू ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को आज के दिन प्रजातंत्र अस्तित्व में आया और ये तय हुआ कि भारत मे प्रजा ही राजा है लेकिन जमीनी हकीकत देखने मे आता है कि आज नेता और अधिकारी अपने आपको राजा और प्रजा नौकर समझते है, आज छत्तीसगढ़ राज्य का स्थापना हुए करीब 20 वर्ष बीत गए, लेकिन आज तक आम जनता और ग्रामसभा की समस्या के निपटारे के लिए लोकपाल का गठन नही हुआ जो यह बिल्कुल निंदनीय है। जबकि तेहरवां वित्त आयोग सम्बंधित राज्य, पंचायत एवं नगरपालिका अधिनियम में संसोधन द्वारा स्थानीय निकायों के लिए अलग से लोकपाल के गठन का प्रावधान करता है जब छत्तीसगढ़ में लोकपाल ही नही है तो आम जनता जाए तो जाए कहा।
साहू ने बताया कि करीब एक वर्ष पूर्व गांव की समस्या को लेकर जनपद से लेकर जिला पंचायत, कलेक्टर से लेकर विधायक और मुख्यमंत्री के जनचौपाल तक गए थे लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नही हुई, जब तक छत्तीसगढ़ में लोकपाल का गठन हो नही जाते छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति का प्रयास जारी रहेगा, समिति के उद्देश्य को आम जनता समक्ष प्रस्तुत करते हुए समिति के अध्यक्ष हुलास साहू ने कहा कि युवा वर्ग को समिति से जुड़ जनहित कार्य व पंचायती राज व्यवस्था जो मूल संविधान में अंकित है जो आज धरातल पर अलग ही है जिसे व्यवस्थित करने घर से निकल कर अपने हक अधिकार के लिए आगे आने की अपील की ।
समिति का उद्देश्य इस प्रकार है-
(1) पंचायती राज व्यवस्था को पंचायत स्तर लागू करवाने का प्रयास करना।
(2) ग्रामसभा को मजबूत करते हुए पंचायतों को भ्रष्टाचार मुक्त पंचायत बनाने का प्रयास करना।
(3) छत्तीसगढ़ के सम्पूर्ण ग्राम पंचायतों में स्वराज स्थापना के लिए प्रयास करना।
(4) उद्योग और खनन के लिए ग्रामसभा को पूर्ण अधिकार दिलाने का प्रयास करना।
(5)ग्राम सभाओं की समस्याओं के निपटारे के लिए लोकपाल की व्यवस्था के लिए प्रयास करना।
(6) छत्तीसगढ़ के सभी ग्राम पंचायतों में बेहतर शिक्षा और स्वास्थ एवं रोजगार सरकारी योजनाओं का क्रियांवयन के लिए प्रयास करना।
(7) छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति जनहित में कार्य करना एवं गांव – गांव में आपसी भाईचारा बनाये रखने का प्रयास करना।
(8) किसानों को उनकी फसल की उचित दाम, अच्छी पैदावार के लिए अच्छी बीज, खाद, दवाई दिलवाने का प्रयास करना।
छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति के सदस्यों ने आगे के रणनीति पर चर्चा करते हुए सभी के आपसी सहमति से संगठन विस्तार किया – संस्थापक सलाहकार- नरोत्तम शर्मा जी, मनीष साहू, बिसहत कुर्रे जी और केशव साहू जी, प्रदेश सहसचिव शिशुपाल निषाद जी, प्रदेश संगठन मंत्री प्रियंकर सेन जी, और आरटीआई कानूनी सलाहकार लखन साहू जी को बनाया गया।
साथ ही केन्द्र सरकार के द्वारा लाए गए किसान विरोधी तीन काले कानून का विरोध कर रहे किसान संगठनों का समर्थन करते हुए छत्तीसगढ़ किसान महासभा के संयोजक और छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति के संस्थापक सलाहकार नरोत्तम शर्मा ने हर गांव के छात्र- नौजवान, किसान-मजदूर, माता-बहनों से अपील करते हुए कहा कि आज किसानों की समस्या कह कर कई बुद्धिजीवी लोग पल्ला झाड़ते मिलते हैं, जबकि ये काले कानून से हर वर्ग को परेशानी होने वाला है, जिसको हम सबको समझने की जरुरत है , केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक तथा विश्व व्यापार संगठन की शर्तों को पूरा करने के लिए बड़े आक्रमण ढ़ंग से तीनों काले कानून को वापस नहीं ले रही है तथा किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी करने वाला कानून बनाने से इनकार कर रही है, यह बिल्कुल निंदनीय है।
प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए समिति के प्रदेश सचिव ने उक्त कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि पंचायती राज व्यवस्था आज के युवा वर्ग और गरीब वर्ग को सरकारी योजनाओं से कोषों दुर करते जा रहा है जबकि पंचायती राज गरीब तक सरकारी योजना पहुंचे ये सोंच के साथ अमली जामा दिया गया था ।हमारे पूर्वजों ने जमींदारी प्रथा बंद कर पंचायती राज लाये थे पर ऐसा लगता है कि आज जमींदार की जगह सरपंच ले लिए हैं जिस व्यवस्था के खिलाफ युवा वर्ग को सामने आने की अपील किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप- प्रदेश अध्यक्ष हुलास साहू, प्रदेश सचिव धर्मेन्द्र बैरागी, प्रदेश उपाध्यक्षगोवर्धन पाल, प्रदेश सहसचिव शिशुपाल निषाद, प्रदेश संगठन मंत्री प्रियंकर सेन, संस्थापक सलाहकार नरोत्तम शर्मा, केशव साहू, पूर्व सरपंच बिसहत कुर्रे, चन्द्रशेखर वर्मा, परमानंद पटेल, पंचराम वर्मा, लक्ष्मण, पदुम पाल, मदन पाल, तुलाराम वर्मा, परेम पाल, तुलाराम पाल, पूर्व सरपंच सुरेंद्र वर्मा, सन्तोष , चेतन वर्मा, भगवती पटेल, कृष्णकुमार सेन, प्रेमलाल निर्मलकर, ओमप्रकाश, वंदना बैरागी, गुणवती बघेल, प्रतिभा बैरागी, शकुंतला साहू, रूखमणी सेन, लक्ष्मी कंडरा, वर्तिका, स्वस्तिका, स्नेहा, मुस्कान, त्रेता, सीमा एंव भारी संख्या में आम जनता और गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए।