रायपुर : राजीव गांधी न्याय योजना के तहत प्रदेश भर में-धान, गेहूं, मक्का की खेती करने वालों किसानों को छोड़कर प्रदेश भर में 1.45 लाख किसानों का सत्यापन हुआ है , जिसमें 9 प्रकार के दलहन- तिलहन की खेती करने वाले किसान हैं । जिसमें बस 75 हज़ार किसानों का पंजीकरण हुआ है।
जबकि राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत कुल 12 फसल आते है जिसमे इस योजना के तहत धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, रामतिल, कोदो, कुटकी तथा रबी में गन्ना के तहत किसानों को सीधे सहायता राशि दी जाती है।
राज्य सरकार इस योजना के तहत किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि निर्धारित की गई है।
प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि यह सरकार की लापरवाही व अफसरों की गलती है, इसकी सजा किसान क्यों भुगते ।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को पता नहीं था कि ऑनलाइन पंजीकरण का काम कैसे करना था, इसलिए तय समय में कुल 1.45 लाख सत्यापित किसानों में 75 हज़ार किसानों का ही पंजीकरण हो पाया व शेष 70 हज़ार किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया।
इस राजीव गांधी न्याय योजना के तहत प्रदेश में बचे 70 हज़ार किसान जिनका पंजीयन नहीं हुआ, उनको 73 करोड़ कुल रकम जो किसानों को 10000/-रु.प्रति एकड़ के हिसाब से सहायता राशि मिलनी थी, वो नही मिल पाएगी । यह शासन प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाता है।
सरकार की लापरवाही कहें या अफसरों की ग़ैरजेम्मेदारी कहें, प्रदेश के अमूनन सभी जिलों में किसानों का पंजीयन होना था, लेकिन कई जिलों में अफसरों की घोर लापरवाही उजागर हुई है, जैसे
जिला- सत्यापन- पंजीयन
सरगुजा-21047- 5
सुरजपुर-10437- 628
कोरिया- 4844- 969
कोंडागांव-9604- 1220
जांजगीर- 1106- 37
बिलासपुर- 47- 1
हुपेंडी ने आगे कहा कि इस लापरवाही के उजागर होने के बाद कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे जी का बयान आया है कि उन्हें इसकी जानकारी ही नही है, उन्हें पता ही नही कहकर वे पल्ला झाड़ गए जो कि घोर निंदनीय है।
हमारी मांग है कि पंजीयन की तिथि बढ़ाया जाए व दोषी अफसरों पर कारवाई की जाए ।अगर इस दिशा में गंभीरता पूर्वक कार्यवाही नही की जाती है तो प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में आम आदमी पार्टी के द्वारा कृषि मंत्री रविंद्र चौबे जी का हर ज़िले में पुतला दहन किया जायेगा।