रायपुर, 17 फरवरी 2021: छत्तीसगढ़ में धार्मिक, सामुदायिक और आदिवासी नेताओं/प्रमुखों ने आज राज्य में COVID टीकाकरण रोलआउट के लिए अपना समर्थन दिया। नेताओं/प्रमुखों ने COVID उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने में मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने लोगों से मास्क पहनने, साबुन से हाथ धोने और छह फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपील की।
आज रायपुर में यूनीसेफ और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित बातचीत में राज्य भर के 30 से अधिक नेताओं ने भाग लिया।.
रोमन कैथोलिक चर्च के फादर सेबास्टियन ने कहा, “इस चर्चा में मिली जानकारी से हमारी COVID-19 टीकाकरण से जुड़ी गलतफहमियां दूर हुई है। हम COVID वैक्सीन से सम्बंधित प्रमुख संदेश समुदाय के लोगों से साझा करेंगे।”
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सलाम रिजवी ने अपने समुदाय से COVID19 टीकाकरण करने की अपील की। बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के आदिवासी नेताओं ने भी टीकाकरण के प्रयासों में अपना समर्थन देने की बात कही और पिछड़े समुदायों में कोविड टीकाकरण की पैरवी करने का आश्वासन दिया।
सिख समुदाय के प्रतिनिधि हरपाल सिंह ने कहा कि समुदाय द्वारा स्वास्थ्य शिविरों की एक श्रृंखला के माध्यम से COVID19 टीकाकरण के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी और इस अभियान के लिए वालंटियर्स भी प्रदान किये जाएंगे। बोहरा समुदाय के मोहम्मद मुर्तजा ने सरकार के टीकाकरण से जुड़े प्रयासों में अपने समर्थन देने का आश्वासन दिया। सतनामी और श्रादानी समुदायों के नेताओं ने भी समर्थन का वादा किया।
यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब ज़करिया ने कहा, “धर्म, आस्था और समुदाय प्रमुखों का लोगो पर और उनके जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। COVID टीकाकरण का प्रचार करने हेतु और साथ ही समुदाय और पूजा स्थलों में COVID उचित व्यवहार को बढ़ावा देने में इन धर्म गुरुओं और समुदाय प्रमुखों का समर्थन चाहते हैं ”। उन्होंने कहा कि COVID के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव से बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा स्तिथि बदतर होने की सम्भावना है। “इसलिए, हमें किसी भी कीमत पर COVID को रोकने की जरूरत है”, उन्होंने कहा।
डॉ अमर सिंह ठाकुर, राज्य टीकाकरण अधिकारी, छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के बारे में जानकारी दी। यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ श्रीधर रियावंकी ने COVID19 टीकाकरण पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, और अभिषेक सिंह, विकास हेतु संचार, यूनिसेफ छत्तीसगढ़ ने इंटरैक्टिव सत्र का संचालन किया।