रायपुर : पढ़ना-लिखना अभियान के तहत् प्रदेशव्यापी असाक्षरों के चिन्हांकन और सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया हैं। कक्षा संचालन हेतु स्वयंसेवी शिक्षक का भी चिन्हांकन, मैचिंग-बैचिंग कार्य अर्थात ‘कौन-किसको-कहां पढ़ायेगा‘ को भी पूरा कर लिया गया है। प्रदेश में ढाई लाख असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 25 हजार स्वयंसेवी शिक्षकों की सेवा ली जाएगी।
निर्धारित लक्ष्य के अनुसार प्राधिकरण द्वारा जिलेवार असाक्षरों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का नवीन लक्ष्य भी निर्धारित कर लिया है।
पढ़ना-लिखना अभियान अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र समूह के ऐसे असाक्षरों का चिन्हांकन जो पूर्व में संपन्न साक्षरता कार्यक्रम में शामिल नही हो सके थे, ऐसे अर्द्धनवसाक्षर जो एनआईओएस की परीक्षा में ‘सी‘ श्रेणी प्राप्त किए हो तथा ऐसे शिक्षार्थी जो लंबे अंतराल के कारण पढ़ना लिखना या दैनिक जीवन में उपयोगी आवश्यक जोड़ घटाना नहीं जानते हो या भूल गए हो, को लक्ष्य समूह के रूप में शामिल किया गया है।
साथ ही स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में सेवा निवृत्त शिक्षक, पूर्व साक्षरता कार्यक्रम के समन्वयक, प्रेरक, एनजीओ के प्रतिनिधि, एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाईड के छात्र-छात्राएं, बीएड और डीएलएड के प्रशिक्षार्थी, पढ़ई तुंहर दुआर के मोहल्ला कक्षा में सेवा दे रहे शिक्षक, महाविद्यालयीन विद्यार्थी, सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी, कक्षा ग्यारहवीं -बारहवीं के विद्यार्थी, स्वसहायता समूह के शिक्षित पदाधिकारी, नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवक, आंगनबाड़ी केन्द्र के कार्यकर्ता, जिला एवं उपजेल में सेवारत शिक्षक, शिक्षित जन प्रतिनिधि, पंचायत पदाधिकारी, मनरेगा मेट, एनआरएलएम बिहान संगठन के सहायिका, सक्रिय महिला, महिला मंडल, युवा मंडल के उत्साही युवक-युवती, यूनिसेफ प्रायोजित कार्यक्रम के सीख मित्र इत्यादि की सेवाएं असाक्षर को साक्षर करने में लिया जायेगा।
राज्य स्तर पर स्रोत व्यक्तियों, कुशल प्रशिक्षकों एक दिवसीय ऑनलाइन उन्मुखीकरण और तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्य दिसम्बर 2020 में पूर्ण हो चुका है तथा स्वयंसेवी शिक्षको का ऑनलाइन 2 दिवसीय उन्मुखीकरण 23-24 फरवरी 2021 की किया गया। स्वयंसेवी शिक्षकों का ऑफलाइन जिला स्तरीय प्रशिक्षण विकासखण्ड मुख्यालय, विकासखण्ड स्तर 3-4 स्थानों पर स्वयंसेवी शिक्षकों की संख्यानुसार मार्च माह के प्रथम सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाएगा