इन्दौर। कोई भी देहधारी तप, विद्या, योग, बुद्धि, अर्थ, धर्म, स्वयं या दूसरों की शक्ति से भी ईश्वर के विधान को नहीं टाल सकता। विधि के विधान अनुसार ही सबको जीवन जीना पड़ता है। कई बार हमें असहनीय कष्ट और पीड़ा भी राह प्रशस्त कराती है। आपने कहा कि, आज वो जिंदा हैं तो निश्चित रूप से उनके शुभ चिन्तकों के कारण हैं।
आपने शल्य चिकित्सकों की बहुत तारीफ की। उनके लेफ्ट शोल्डर जाॅईंट में लगभग 16 फैक्चर थे, जिसकी दो बार सर्जरी व बोन ग्राफ्टिंग की गई और अब हाथ लगभग 90 प्रतिशत ठीक हो चुका है। जिसके लिये वे शल्य चिकित्सकों को बार-बार धन्यवाद दे रहे हैं। आपने कहा कि, शल्य चिकित्सा किसी चमत्कार से कम नहीं है। आज जिस तरीके से शल्य चिकित्सा में अविष्कार हो रहे हैं, निश्चित रूप से यह आगे लोगों को और सरल जीवन जीने में सहायक सिद्ध होंगे। आपने कहा कि, देश मंे स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सम्बन्धी सुविधा और अधिक बेहतर हो रही है।
आपने आयुष चिकित्सा पद्धतियों की भी तारीफ करते हुये कहा कि, पिछले एक वर्ष में आयुष चिकित्सा पद्धतियों के प्रति देश में लोगों का विश्वास बढ़ा है। आपने बताया कि, मार्च के तीसरे सप्ताह में सम्भवतः लोकसभा की कार्यवाही में शामिल होंगे और देश को और मजबूत करने के लिये मोदी जी के टीम के सशक्त हिस्सा बने रहेंगे। आपने कहा कि, देश की जनता जिस तरह से उनको स्नेह दिया, उसके लिये वे सदैव ऋणी हैं। जब उनका एक्सीडेंट हुआ और वे अस्पताल में भर्ती हुये तब वे अनकांशियस अवस्था में थे उस वक्त लोगों ने जो संबल प्रदान किया, चिकित्सकों ने समय पर चिकित्सा उपलब्ध कराई उसके लिये वे सभी के आभारी हैं। इतना कठिन एक्सीडेंट और अपनी पत्नी के विछोह के बाद भी पूरी तरह से आत्मशक्ति से भरपूर नजर आये। बचा हुआ नया जीवन देशवासियों के लिये पूरी तरह समर्पित है।
एक्सीडेंट होने के लगभग 2 माह बाद आयुष मन्त्रालय के सदस्य डाॅ. ए.के. द्विवेदी मिलने पहुँचे श्रीपाद नाईक के घर गोवा। डाॅ. द्विवेदी से चर्चा में मंत्री जी ने कहा कि नियति को जो मंजूर है उसे कोई नहीं टाल सकता।