बिलासपुर 25 मार्च 2021 : सभी राज्यों की औद्योगिक नीति का अध्ययन कर और बस्तर से लेकर सरगुजा तक उद्योगपतियों से विचार विमर्श कर छत्तीसगढ़ के लिए सर्वश्रेष्ठ औद्यगिक नीति बनाई गई है। सरकार के दो साल चार माह के कार्यकाल के दौरान नई औद्योगिक नीति के तहत् 12 सौ उद्योग लगाये गये, जिससे 22 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला। वाणिज्यक कर (आबकारी) मंत्री कवासी लखमा ने उद्यम समागम पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में यह जानकारी दी।
उद्योग एवं वाणिज्यक कर विभाग द्वारा औद्योगिक नीति वर्ष 2019-24 के संबंध में जानकारी देने के लिए आज एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कृषि महाविद्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में लखमा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति देश की पहली नीति है, जिसमें हर प्रकार के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई गई है।
उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत् प्रदेश में 115 उद्योगपतियों का एमओयू हुआ है। सरकार द्वारा उद्योगों में सबसे पहले छत्तीसगढ़ के निवासियों को प्राथमिकता दी जायेगी। हर तहसील में फूड पार्क बनाया जायेगा। अभी तखतपुर, मस्तूरी और बिल्हा में फूड पार्क के लिए जगह का चयन कर लिया गया है। उन्होंने कोटा तहसील में भी फूड पार्क के लिए जल्द से जल्द कार्यवाही करने कहा। फूड पार्क अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग को एक रूपये में एक एकड़ जगह दी जायेगी। फूड पार्क से 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि नरवा, गरवा, घुरूवा, बारी योजना के तहत् बनाये गये गोठान भी उद्योग का एक रूप है जहां आर्थिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं और गोबर की खरीदी भी की जा रही है।
कार्यशाला में संसदीय सचिव रश्मि सिंह ने कहा कि गोठानों में भी उद्योग की संभावना है। यहां सब्जी उत्पादन कर उसकी प्रोसेसिंग से महिलाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने छोटे-छोटे उद्यमियों को बाजार उपलब्ध कराने की आवश्यकता बताई। विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में बहुत संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ में विद्यमान वन एवं खनिज संपदा को देखते हुए उद्योग स्थापना की जानी चाहिए। विधायक डाॅ. कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि उद्योग लगाने वाले उद्योगपतियों के लिए मार्केटिंग की व्यवस्था भी हो। जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चैहान ने कहा कि गढ़़बो नवा छत्तीसगढ़ के माध्यम से युवा उद्यमियों को सरकार आगे बढ़ाना चाहती है। कार्यशाला में हरीश केडिया ने भी भावी उद्यमियों को मार्गदर्शन दिया और विभिन्न सुझाव भी दिये।
प्रारंभ में उद्योग विभाग के अपर संचालक प्रवीण शुक्ला ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्तमान व संभावित उद्योगपतियों का यह समागम है। उद्योग नीति पर विस्तृत चर्चा कर इसमें निहित राहत पैकेज के संबंध में लोगों को यदि कोई दिक्कत है, तो इस संबंध में उनके सुझाव लेकर शासन को अवगत कराया जायेगा। अपर संचालक अनिल श्रीवास्तव ने उद्योग विभाग का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यशाला में उपस्थित छोटे व बड़े उद्यमियों से रूबरू होकर उनके सुझाव लिये गये तथा उनकों मार्गदर्शन दिया गया। आभार प्रदर्शन जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक जे.एस. नेताम ने दिया। इस अवसर पर उद्योग विभाग के अधिकारी, जिला उद्योग संघ के पदाधिकारी, महिला उद्यमी तथा संभावित उद्यमी उपस्थित थे।