रायपुर : छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में मूकबधिर युवती से गैंगरेप के मामले में शुक्रवार को ADJ कोर्ट ने दोषियों को 25-25 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 5 हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना भी उनके ऊपर लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट ने पीड़िता को ढाई लाख रुपए की सहायता राशि देने का आदेश भी विधिक सेवा प्राधिकरण को दिया है। दोषियों ने अगस्त 2019 में युवती का अपहरण कर उससे दुष्कर्म किया था।
गौरतलब है कि मरवाही के रटगा गांव में 25 अगस्त 2019 को बाजार गई मूक बधिर युवती को राजाडीह गांव के रहने वाले 5 युवक संजीव कुजूर (20), सूरजदास (23), मिथुन सुखसेन कुजूर (21), कृष्ण कुमार (35) और गौरी शंकर उरांव (20) बाइक से अगवा कर ले गए थे। इसके बाद पांचों ने युवती के हाथ-पैर बांध दिए और उससे सामूहिक दुष्कर्म किया। उनके चंगुल से छूट कर युवती किसी तरह अपनी बुआ के पास पहुंची और फिर FIR दर्ज कराई।
दोषियों को 25-25 साल की सजा
मरवाही थाना पुलिस ने इस मामले में कुछ संदेहियों को गिरफ्तार किया, लेकिन युवती के मूकबधिर होने के कारण खास कुछ नहीं हो पा रहा था। ऐसे में पुलिस ने बिलासपुर से भाषा प्रबोधक (इंटरप्रेटर) को बुलाया। उसकी मदद से आरोपियों की पहचान युवती से कराई। घटना का पूरा ब्यौरा तैयार किया। इसके बाद पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था। मामले की सुनवाई ADJ विनय कुमार प्रधान की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए धारा 376 के तहत दोषियों को 25-25 साल की सजा और 5 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया। वहीं धारा 366 के तहत 10 साल की सजा और 1000 रुपए का अर्थदंड, धारा 342 में एक साल की सजा और 500 का अर्थदंड कर सजा सुनाई है। सभी सजा एक साथ चलेंगी। ऐसे में दोषियों को 25 साल की सजा भुगतनी होगी। इस मामले में राज्य शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोग अभियोजक पंकज नगाईच ने की।