कोविड टीकाकरण ने प्रदेश में लिया जन-आंदोलन का रूप

प्रदेश में प्रति 10 लाख की आबादी में अब तक दो लाख से अधिक कोरोना जांच

रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण धीरे-धीरे जन-आंदोलन का रूप लेते जा रहा है। राज्य शासन द्वारा इसके लिए की गई व्यापक व्यवस्था के चलते अब तक1 अप्रैल तक 21 लाख 84 हजार से अधिक लोागों को कोविड वैक्सीन की डोज दी गई है। जिनमें से 45 से अधिक आयु समूह के 13लाख 48 हजार 981 को पहली डोज दी गई है।

भारत सरकार द्वारा टीकाकरण के लिए 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को पात्र किए जाने के बाद 1 अप्रैल को प्रदेश में टीका लगवाने वालों की संख्या खासी बढ़ी। इस दिन प्रदेश में अब तक सर्वाधिक संख्या में दो लाख 34 हजार 397 लोगों ने टीका लगवाया। 1 अप्रैल को प्रदेश भर के 2378 साइट्स पर टीकाकरण किया गया। टीकाकरण में तेजी लाने और जल्द से जल्द इसका लक्ष्य हासिल करने के लिए आने वाले दिनों में टीकाकरण साइट्स की संख्या और बढ़ाई जाएगी।

छत्तीसगढ़ सक्रिय टीकाकरण साइट्स की संख्या के लिहाज से देश भर में चैथे स्थान पर है। केवल दिल्ली, सिक्किम और उत्तराखंड ही प्रदेश से आगे है। यहां टीकाकरण के लिए चिन्हांकित 86 प्रतिशत शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों एवं शासन द्वारा निर्धारित अन्य जगहों पर टीकाकरण शुरू किया जा चुका है। इन केंद्रों पर रोज बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर टीका लगवा रहे हैं।

प्रदेश में टीकाकरण के लिए जितने साइट्स को अनुमति दी गई है, उनमें से 85 प्रतिशत साइट्स राज्य शासन द्वारा संचालित हैं। सरकारी केंद्रों में टीकाकरण की सुविधा के मामले में भी छत्तीसगढ़ पूरे देश में चैथे स्थान पर है। दिल्ली, झारखंड और महाराष्ट्र ही प्रदेश से आगे है। 60 से अधिक उम्र के लोगों को डोज देने के कवरेज में भी प्रदेश ने 30 प्रतिशत कवरेज किया है जो पड़ोसी राज्यों ओड़ीशा ,मध्यप्रदेश से अधिक है।

कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण एवं संक्रमितों की पहचान के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में सैंपलों की जांच की जा रही है। प्रदेश में प्रति दस लाख की आबादी पर अब तक औसत दो लाख 453 सैंपलों की जांच की गई है। अधिक सैंपलों की जांच होने से प्रदेश की पॉजिटिविटी दर भी बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ में पिछले एक माह में प्रति दस लाख की आबादी पर सैंपलों की औसत जांच देश के कई बड़े और ज्यादा जनसंख्या वाले राज्यों से अधिक है।

अपेक्षाकृत कम आबादी वाला राज्य होने के बावजूद छत्तीसगढ़ इस मामले में देश में दसवें स्थान पर है। प्रदेश में इस दौरान जहां प्रति दस लाख की आबादी पर दो लाख 453 सैंपलों की जांच की गई है, वहीं गुजरात में 1.99 लाख, बिहार में 1.98 लाख, महाराष्ट्र में 1.62 लाख, झारखंड में 1.57 लाख, उत्तरप्रदेश में 1.55 लाख, पश्चिम बंगाल में 94 हजार 654 और मध्यप्रदेश में 77 हजार 695 सैंपलों की जांच की गई है।

वैक्सीन वेस्टेज में प्रदेश का औसत राष्ट्रीय औसत 3.5 से कम है। यहां केवल 1,83 प्रतिशत ही वेस्टेज हुआ है जो कि अन्य राज्यों से बेहतर है।

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