रायपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद लापता जवान की तलाश जारी है। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने मंगलवार को बताया कि सीआरपीएफ के 210 कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास की खोज में पुलिस दल को रवाना किया गया है। वहीं जवान के बारे में ग्रामीणों से भी पूछताछ की गई है।
इधर सुकमा जिले के एक स्थानीय संवाददाता ने सोमवार को दावा किया कि नक्सलियों ने उसे फोन पर बताया कि उन्होंने (नक्सलियों ने) जवान राकेश्वर का अपहरण किया है तथा वह उनके कब्जे में है।
स्थानीय संवाददाता के इस दावे को लेकर पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज ने कहा कि अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि जवान राकेश्वर नक्सलियों के कब्जे में हैं। नक्सलियों ने इस संबंध में न तो अब तक कोई बयान जारी किया है और न ही कोई तस्वीर भेजी है। पुलिस लगातार जवान राकेश्वर की तलाश कर रही है।
उन्होंने बताया कि पुलिस स्थानीय लोगों से भी पूछताछ कर रही है तथा ग्रामीणों से भी इस संबंध में जानकारी मांगी गई है। क्षेत्र के एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि संभव है कि जवान राकेश्वर नक्सलियों के कब्जे में हों क्योंकि जिस स्थान पर मुठभेड़ हुई थी उसके आस पास के सभी संभावित जगहों पर जवान की खोज की गई है। लेकिन सोमवार तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिले से बीते शुक्रवार को नक्सलियों के खिलाफ अभियान में कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के दल को रवाना किया गया था। शनिवार को टेकलगुड़ा और जोनागुड़ा गांव के जंगल में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस घटना में 22 जवान शहीद हो गए तथा 31 अन्य जवान घायल हुए हैं। मुठभेड़ के बाद से कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर लापता हैं।
शहीद जवानों में सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के सात जवान, सीआरपीएफ के बस्तरिया बटालियन का एक जवान, डीआरजी के आठ जवान और एसटीएफ के छह जवान शामिल हैं।
राज्य में इस बड़े नक्सली हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को छत्तीसगढ़ का दौरा किया था। इस दौरान शाह ने बस्तर में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी तथा जवानों से मुलाकात की। उन्होंने रायपुर के अस्पतालों में भर्ती घायल जवानों से भी मुलाकात की थी।(भाषा)