प्रदेश में 45 दिनों के लॉक-डाउन में व्यापार सुस्त,चैम्बर अध्यक्ष पारवानी ने वित्त मंत्री सीतारमण को लिखा पत्र, ब्याज और विलंब शुल्क में मांगी 3 महीनों की छूट

रायपुर, 5 मई 2021। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ काॅमर्स एण्ड़ इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कैट के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, चेम्बर के महामंत्री अजय भसीन एवं कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा ने बताया कि आज चेम्बर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र जारी कर व्यापारियों द्वारा 31 अगस्त 2021 के भीतर जी.एस.टी. भुगतान एवं विवरण पत्र दाखिल करने पर ब्याज एवं विलंब शुल्क को पूर्णतः माफ करने का अनुरोध किया ।

अमर पारवानी ने मंत्री सीतारमण को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि भारत सरकार द्वारा उक्त अधिसूचना के माध्यम से जी.एस.टी. के भुगतान एवं विवरणी दाखिले पर विलंब शुल्क से छूट प्रदान की गई है, जिसका हम स्वागत करते हैं एवं धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। उन्होनें ने कहा कि अधिसूचना के अनुसार 5 करोड से कम टर्नओवर वाले करदाता को माह मार्च एवं अप्रेल 2021 केे जी. एस. टी. के भुगतान में निर्धारित तिथि के पश्चात प्रथम 15 दिनों के अंदर भुगतान करने पर ब्याज की छूट दी गई है एवं इसके बाद अगले 15 दिनों के लिए 9 प्रतिशत तथा इसके बाद 18 प्रतिशत की दर से ब्याज का प्रावधान किया गया है, वहीं इसी प्रकार 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले करदाता को ब्याज में पूर्ण रूप से छूट नहीं दिया गया है तथा केवल प्रथम 15 दिनों के लिए ब्याज की दर को कम कर 9 प्रतिशत किया गया है ।

पारवानी ने आगे कहा कि कोरोना के दूसरे लहर के संक्रमण को रोकने के लिए, छत्तीसगढ़ राज्य में लगाए गए, चैथे चरण के लाॅकडाउन के साथ लगभग 45 दिनों (9 अप्रेल से 17 मई तक) का लाॅकडाउन किया गया है, जिसमें पहला 3 लाॅकडाउन जो लगभग 30 दिनों का था में सारे व्यावसायिक प्रतिष्ठान, बैंक , सरकारी कार्यालय, अर्धशासकीय कार्यालय, तथा सी.ए., वकील एवं अन्य सेवा प्रदाताओं के कार्यालय इत्यादि सभी पूर्णतः बंद रखे गए हैं, अभी चैथे चरण में आंशिक रूप से बैंको के साथ कुछ व्यवसाय विशेष को सीमित समय के लिए व्यापार की छूट मिली है ।

प्रदेश में आर्थिक गतिविधि पूरी तरह से सुस्त हो गई है, साथ ही व्यवसाय में नकदी प्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लाॅकडाउन के इस अवधि में शून्य आय में व्यापार के स्थायी खर्चों जैसे कर्मचारी की सैलरी, दुकान एवं गोडाउन का किराया, बिजली बिल, व्यापार के अन्य खर्चे आदि, को भी व्यापारी भुगतान नहीं कर पा रहा है । आज स्थिति यह है कि व्यापारी वर्ग को अपने तथा अपने कर्मचारियों के परिवार के दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति, अपने व्यापार में नियोजित पूंजी को तोड़कर करना पड़ रहा है, कोमोबेस यही स्थिति अन्य राज्यों में भी है। एैसे स्थिति में जबकि बाजार लगभग 45 दिनों पूर्ण रूप से बंद हैं, जबकि आपके द्वारा ब्याज में मात्र 15 दिन की छूट दिया गया है वह भी 5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले व्यापारी को । जब ब्यापार बंद हो तो व्यवसायी कैसे ब्याज का भुगतान कर पायेगा इस पर विचार किया जाना चाहिए ।

इसी कड़ी में पारवानी ने प्रदेश के वाणिज्य कर मंत्री टी.एस. सिहंदेव से इस विषय पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अनुशंसा किये जाने हेतु आग्रह कर पत्र की प्रतिलिपि भेजी गई है।

पारवानी ने आगे कहा कि चूंकि इस महामारी में व्यापारी, स्टाफ, प्रबंधन, कर सलाहकार, सी.ए., वकील इत्यादि भी प्रभावित हुए हैं अतः लाॅकडाउन समाप्त होने के पश्चात जब बाजार पूर्णरूपेण खुल जावे इसके बाद 3 माह (लगभग 15 अगस्त तक ) का समय व्यापारी वर्ग को बिना ब्याज एवं बिना विलंब शुल्क के जी.एस.टी. भुगतान एवं विवरण पत्र दाखिल करने हेतु मिलना चाहिए ।

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