दुनिया भर में पिछले एक साल से अधिक समय से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। दुनिया भर में हर रोज लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं और हजारों की जान जा रही है। इस बीच, अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ और व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ.एंथनी फाउची ने महामारी में नस्लवाद और भेदभाव का मुद्दा उठाया है। डॉ.एंथनी फाउची ने कहा कि महामारी ने नस्लवाद और असमानताओं को बढ़ावा दिया है। जब आम लोग घरों में हैं, जब अल्पसंख्यकों की जान जोखिम में डालकर उनसे काम कराया जा रहा है।
डॉ एंथनी फाउची ने कहा
एक विश्वाविद्यालय के समारोह में बोलते हुए डॉ एंथनी फाउची ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने हमारी विफलताओं को उजागर किया है। वहीं संकट के इस समय में नस्लवाद और असमानताओं की घटनाओं में बेताहाशा वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, कोरोना महामारी के बीच देखने में आया है कि अल्पसंख्यक समूह के सदस्य आवश्यक नौकरियों में काम कर रहे हैं, जहां में कोरोना वायरस की चपेट आ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च रक्तचाप, फेफड़ों की बीमारी, मधुमेह या मोटापे से ग्रस्त लोगों के कोरोना संक्रमित होने की संभावना भी अधिक रहती है।
अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ और व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार ने कहा कि यह वक्त नस्लवाद जैसी घटिया विचारधारा को पालने का नहीं है। एक साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाने का है। उन्होंने कहा, हम किसी को रंग, धर्म या विशेष स्थान की वजह से मरने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं।
बता दें कि हाल ही में डॉ. फाउची ने भारत को महामारी से निपटने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया जाना चाहिए और व्यापक स्तर पर लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाए। साथ ही बड़ी संख्या में अस्थायी अस्पताल बनाए जाने चाहिए। डॉ. फाउची ने भारत को महामारी से निपटने में सैन्य बलों की मदद लेने की भी सलाह दी। उन्होंने सलाह दी कि तत्काल अस्थायी अस्पताल बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सहायता ली जा सकती है। वहीं कोविशील्ड वैक्सीन की डोज लेने के बीच समय के अंतराल को बढ़ाए जाने के फैसले को सही ठहराया था।