रायपुर : शिक्षक नायक सम्मान समारोह,नेशनल टीचर्स क्रिएटिव फोरम द्वारा आयोजित पढ़ई तुंहर दुआर के शिक्षक नायकों का सम्मान ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से किया गया. जिन्होने कोरोना संक्रमण काल में महत्वपूर्ण शैक्षिक नवाचार एवं रचनात्मक कार्यों से उल्लेखनीय योगदान दिया है.
एन टी सी एफ के माध्यम से छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हमारे शिक्षक नायक स्तंभ के अंतर्गत चयनित सक्रिय शिक्षक साथियों को प्रेरक विचार एवं नवाचारी कार्य साझा करने के उद्देश्य से आमंत्रित किया गया. पढ़ई तुंहर दुआर में शिक्षक नायक सम्मान कार्यक्रम के शुभारंभ में पुष्पा पटनायक ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी.
,
समय दोपहर 2 pm बजे आयोजन हुआ जिसमें छत्तीसगढ़ की विभिन्न जिले से हमारे शिक्षक नायकों की गरिमामयी उपस्थिति रही सभी शिक्षकों ने अत्यंत उत्सुकता के साथ एक दूसरे के उल्लेखनीय कार्य की मुक्त कंठ से सराहना की.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि – श्री प्रशांत पांडेय असिस्टेंट डायरेक्टर एंड नोडल ऑफीसर स्टेट मीडिया सेंटर डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन ने शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण काल में शिक्षकों की रचनात्मक भागीदारी से छत्तीसगढ़ की शैक्षिक पहल की पूरे देश में एक नयी पहचान बनी है.
आप लोगों ने विपरीत परिस्थितियों को बेहतर अवसर में बदलने का प्रयास कर सफलता की नयी कहानी गढ़ने का कार्य किया है. सृजन की परंपरा एवं सीखने की प्रक्रिया निरंतर जारी रखना चाहिए. फोरम अध्यक्ष अरुण कुमार साहू ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों ने स्कूल से दूर रहकर शिक्षा को बच्चों तक पहुंचाने का चुनौतीपूर्ण काम सहजता के साथ किया है.कक्षा से बाहर कक्षा का निर्माण कर समाज में उजियारा फैलाने का गुरुत्तर दायित्व निभाया है.
कार्यक्रम प्रभारी कैशरीन बेग ने सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षक की कला, साहित्य,शैक्षिक नवाचार की प्रतिभा को प्रोत्साहित करना ही फोरम का उद्देश्य है.संयोजक जितेंद्र शर्मा ने शिक्षक साथियों से फोरम के विस्तार एवं सदस्यता ग्रहण कर शैक्षिक चर्चा में जुड़ने की अपील की.
हमारे सक्रिय शिक्षक नायक प्रज्ञा सिंह, दुर्ग ने बताया कि गणित में कोरोना घातांक का प्रयोग कर 600 शिक्षण सामग्री जुटाकर अनूठा गणित लैब तैयार किया है. कु हिमकल्याणी सिन्हा बेमेतरा ने बच्चों को रोचक गतिविधियों के माध्यम से शिक्षण कार्य से जोड़ने का प्रयास किया.
मीना राजवाड़े सूरजपुर ने स्कूल की अधोसंरचना में व्यापक बदलाव लाकर आकर्षक शैक्षिक वातावरण का निर्माण किया. आशा उज्जैनी, बिलासपुर ने कहा कि बच्चों की रुचि के अनुरूप कला के माध्यम से उन्हें आसानी से सिखाया जा सकता है. मंजूषा साहू, ,धमतरी ने बताया कि गणित फेसबुक के माध्यम से छात्रों की समस्या का समाधान किया जाता है.
चानी एरी, बिलासपुर ने बताया कि बच्चों के साथ रचनात्मक भागीदारी से उनके जीवन कौशल का विकास होता है.सरोज साहू, बालोद ने आन लाइन शिक्षण कार्यक्रम में राज्य के बच्चों को जोड़ने में सफलता प्राप्त की.
दीनबन्धु सिनहा,धमतरी ने बताया कि प्रार्थना सभा में अभिव्यक्ति कौशल क्षमता का विकास किया जाता है.पुष्पा चौधरी, बालोद ने घर की छत पर ही खेल गतिविधि के संंचालन का नया तरीका ढूंढ निकाला.नीलम कौर, बालोद ने इंग्लिश लर्निंग में छात्रों को नवाचार तरीक़े से सीखने में सहयोग किया.विवेक धुर्वे ,बालोद ने कार कक्षा के माध्यम से शिक्षण कार्य संपादित किया.धर्मेंद्र कुमार श्रवण, बालोद ने आनलाइन क्लास एवं डिजिटल शिक्षण सामग्री से बच्चों को लाभान्वित किया.
निभा रानी मधु बच्चों में सक्रिय गतिविधि के माध्यम से ऊर्जा का संचार किया.नंदा देशमुख दुर्ग ने डिब्बे की आकृति के माध्यम से गणित का अध्यापन कार्य किया. बी यदु ने व्यवसाय बढ़ई, लुहार, कृषि एवं रोजमर्रा की चीजों सब्जियों के माध्यम से व्यावहारिक शिक्षण कार्य किया.
भेख दास बघेल ने बच्चों को संस्कार का पाठ कहानियों के माध्यम से पढ़ाने का प्रयोग किया.युगल किशोर देवांगन ने बताया कि कठपुतली के रोचक प्रदर्शन से बच्चों को स्थायी ज्ञान प्राप्त होता है. शोभा बेंजामिन ने कहा कि पंचतंत्र की कहानियों का स्थानीय भाषा छत्तीसगढ़ी अनुवाद बच्चों के लिए बेहद प्रभावशाली माध्यम है.
निखिल कुमार तिवारी ने बताया कि कागज व मिट्टी के खिलौनों को पर्यावरण विषय वस्तु से जोड़कर तथा कम्प्यूटर एनीमेशन से बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्सुकता पैदा की जा सकती है.ज्योति बनाफर ने आगमेंटेड रियलिटी शो के माध्यम से बच्चों द्वारा आभासी दुनियां का वीडियो तैयार करवाया.
रीता मंडल धरसींवा ने कागज की आकृति निर्माण कला ओरिगेमी के जरिये शिक्षण विधि को रोचक बनाया. कैंची एवं अन्य सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराने के कारण बच्चे इन्हें कैंची वाली दीदी के नाम से पुकारते हैं. कार्यक्रम का संंचालन सुरेंद्र मानिकपुरी एवं एन टी सी एफ बालोद इकाई की अध्यक्षमधुमाला कौशल जी ने आभार व्यक्त किया,इस कार्यक्रम मेंसुश्री लिली पुष्पा एक्का,शीला साहू, राम कुमारी देवांगन,कु भारती साहू,नरेश कुंअर, कमल कांत साहू जी,निधि अग्रवाल,निर्मला तिर्की,पी एल साहू जी,पूनम सिंह,रोशन लाल,सत्येंद्र कुमार साहू, ,शालिनी पंकज दुबे,भारती साहू,अनेक फोरम सदस्य शिक्षकों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान किया।