रायपुर : वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज नवा रायपुर अटल नगर स्थित अरण्य भवन में छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) के अंतर्गत कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा की। राज्य में कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक 2 हजार 229 करोड़ रूपए की राशि के 27 हजार 69 कार्य स्वीकृत हैं। इनमें से अब तक एक हजार 309 करोड़ रूपए की राशि व्यय कर 19 हजार 147 कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है। बैठक में वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही. श्रीनिवास राव और समस्त मुख्य वन संरक्षक तथा वनमण्डलाधिकारी उपस्थित थे।
वन मंत्री अकबर ने इस दौरान सभी वनमण्डलाधिकारियों को कैम्पा के निर्माणाधीन कार्यों में अपेक्षित गति लाते हुए शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को क्षेत्र में निरंतर भ्रमण कर कार्यों की गुणवत्ता पर भी विशेष निगरानी रखने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि कैम्पा मद के अंतर्गत वर्ष 2018-19 तक स्वीकृत कोई भी कार्य लंबित न हो और गत वर्ष तक स्वीकृत सभी कार्यों का तत्परता से निर्माण प्रारंभ करना सुनिश्चित करें। इसी तरह वन मंत्री अकबर ने कैम्पा के तहत स्वीकृत सभी कर्मचारी आवास तथा कार्यालय भवन के निर्माण कार्य को शीघ्रता से प्रारंभ करने और कर्मचारी आवास भवनों में सुगम पेयजल आदि की व्यवस्था के साथ उसे आदर्श आवास कालोनी के रूप में विकसित करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों में मजदूरों के मजदूरी भुगतान में कतई विलंब न हो, इसका विशेष ध्यान रखें।
वन मंत्री अकबर ने बैठक में कैम्पा मद के तहत स्वीकृत विभिन्न कार्यों नरवा विकास, नर्सरी उन्नयन कार्य वृक्षरोपण कार्य, रोड निर्माण कार्य, भू-जल संरक्षण कार्य, हाईटेक रोपणी कार्य, लेन्टाना उन्मूलन कार्य, संवदेनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कार्य, अग्नि सुरक्षा कार्य, आवास एवं भवन निर्माण कार्य और वन्य प्राणी प्रबंधन तथा सुरक्षा आदि कार्यों की प्रगति की वनमण्डलवार विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान बलौदाबाजार, गरियाबंद, केशकाल, सरगुजा तथा मुंगेली वनमण्डलों में कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की और संबंधित वनमण्डलाधिकारियों को कैम्पा के निर्माणाधीन कार्यों में तीव्र गति लाने हेतु सख्त निर्देश दिए।