रायपुर,13 जून 2021। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे बताया कि भारत में जिस तेजी से ई कॉमर्स का व्यापार बढ़ रहा है और दिन पर दिन ऑनलाइन शॉपिंग के जरिये लोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करना शुरू हो गए हैं, उसको देखते हुए निश्चित रूप से ई कॉमर्स भविष्य का बड़ी संभावनाओं का बड़ा बाजार बनता जा रहा है
लेकिन पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से जिस प्रकार अमेज़न, वालमार्ट के स्वामित्व वाली कम्पनी फ्लिपकार्ट एवं विदेशी फंडिंग से चलने वाली अन्य अनेक ई कॉमर्स कंपनियों ने अपने निजी स्वार्थों और भारत के ई कॉमर्स ही नहीं बल्कि रिटेल व्यापार पर कब्ज़ा जमाने के फेर में जिस तरह से देश के ई कॉमर्स व्यापार को विषाक्त कर दिया है उसको देखते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा 14 जून से 21 जून तक देश भर में एक ” ई कॉमर्स शुद्धिकरण अभियान” चलाये जाने की घोषणा ने देश के सभी राज्यों के व्यापारी संगठनों ने इसे वक़्त की जरूरत बताते हुए इस अभियान को देश भर में आक्रामक रूप से चलाने का निर्णय लिया है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया की ई कॉमर्स शुद्धिकरण अभियान के दौरान देश भर में व्यापारी संगठन आगामी 16 जून को देश के सभी राज्यों के विभिन्न जिलों में जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन देंगे वहीँ दूसरी ओर इस सप्ताह में राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों को व्यापारी प्रतिनिधिमंडल मिलेंगे तथा एक ज्ञापन देकर राज्यों में ई कॉमर्स के जरिये होने वाले व्यापार पर एक निगरानी तंत्र का गठन करने की मांग करेंगे और यह निगरानी तंत्र ई कॉमर्स में एफडीआई पालिसी को अक्षरश : अपने राज्य में लागू करेगा, इस बात पर जोर देंगे ! इसी के साथ देश भर के व्यापारी संगठन प्रधानमंत्री मोदी तथा वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को ई मेल के जरिये ज्ञापन भेज कर सीसीआई द्वारा अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट के व्यापारिक ढाँचे की तुरंत जांच किये जाने, प्रेस नोट 2 की खामियों को दूर कर एक नया प्रेस नोट जारी करने तथा केंद्रीय स्तर पर एक निगरानी तंत्र का गठन करने का आग्रह करेंगे ! उन्होंने यह भी बताया की कैट इस सम्बन्ध में एक बृहद ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान भी शुरू करेगा।
पारवानी एवं दोशी ने बताया की भारत में पिछले एक वर्ष में ई कॉमर्स व्यापार में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिसमें विशेष तौर पर पर्सनल केयर, ब्यूटी एवं वैलनेस व्यापार, किराना, एफएमसीजी उत्पाद में 70 प्रतिशत तथा इलेक्ट्रॉनिक्स में 27 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि दर्ज़ की गई ! इसमें टियर 2 एवं टियर 3 शहरों में वर्ष 2019 में 32 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020 में 46 प्रतिशत हो गई है ! दूसरी ओर जिस तेजी से देश में स्मार्ट फ़ोन का उपयोग करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, उससे भी ई कॉमर्स का व्यापक विस्तार हो रहा है ! कुल मिलाकर ई कॉमर्स व्यापार तेजी से छोटे शहरों में बढ़ रहा है जिसका सीधा अर्थ यह है की मध्यम वर्ग एवं निम्न मध्यम वर्ग ई कॉमर्स के लिए भविष्य में बड़ी संभावनाओं का बाजार बन गया है।
पारवानी और दोशी ने कहा कि इन तथाकथित मार्केटप्लेस मॉडल द्वारा किये जा रहे बड़े पैमाने पर पूंजी डंपिंग के खेल ने देश की उद्यमशीलता, कौशल और मानव संसाधन पूंजी को खत्म कर दिया है जो एक संज्ञेय अपराध है। किसी भी देश की मानव संसाधन पूंजी को अपने कुत्सित इरादों से बेकार कर देना,उन्हें उनके व्यवसायों से विस्थापित करना और इन विदेशी पूंजीपति कंपनियों द्वारा उनकी देश के लोगों की आजीविका का अतिक्रमण करना निश्चित रूप से बेहद गंभीर मामला है जिस पर केंद्र एवं राज्य सरकारों को तुरंत ध्यान देकर आवश्यक कदम उठाने जरूरी है।
पारवानी एवं दोशी ने कहा की जिस तरह से अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी कंपनियों ने दश के सभी कानूनों को धता बताते हुए लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना, बड़े डिस्काउंट देना, सामान बेचने के हुए नुक्सान की भरपाई करना, अपने चहेते विक्रेताओं के जरिये ही अपने पोर्टल पर माल बेचना तथा स्टॉक पर नियंत्रण करने जैसी अवैद्य व्यापारिक प्रथाओं के जरिये व्यापार करने के कारण देश का ई कॉमर्स व्यापार अस्त व्यस्त एवं विषाक्त हो गया है और देश के छोटे व्यापारियों के व्यापार के लिए एक बड़े खतरे की घंटी बन गया है ! इस दृष्टि से देश के बड़े हित में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने की दृष्टि से ई कॉमर्स व्यापार की बुराइयों और अवैद्य व्यापारिक प्रथाओं पर सरकार द्वारा प्रभावी अंकुश लगाया जाना बहुत जरूरी हो गया है और इस उद्देश्य को लेकर देश भर के 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन शुद्धिकरण अभियान को सफल बनाने में पूरी ताकत से जुड़ेंगे।