रायपुर : कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राजेन्द्र पप्पू बंजारे ने केंद्र की भाजपावाली मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए सवाल किया कि 72 रुपये धान का समर्थन मूल्य में वृद्धि से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी?
बीते 28 फरवरी को किसानों की आय दोगुना करने के वादे का चौथा साल पूरा हुआ. 28 फरवरी 2016 को ही पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बरेली में एक किसान रैली को संबोधित करते हुए आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि आने वाले 2022 में जब देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तो किसानों की आय दोगुनी हो चुकी होगी.
इस हिसाब से इस वादे को किए 4 वर्ष पूरा हो चुका है. देश की कृषि और देश का किसान आज भी टकटकी लगाए अपने हाथ में आए पैसों को देख रहा है. अब तो सरकार उसे यह बता दे कि उसकी आय की स्थिति क्या है? क्या सच में किसानों की आय बढ़ रही है? यदि बढ़ रही है तो किस दर से बढ़ रही है? और क्या यह संभव है कि वर्तमान कृषि विकास दर पर किसानों की आय दोगुना हो सकती है? क्या सुस्ती देख रही भारतीय अर्थव्यवस्था के बीच इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है? ऐसे तमाम सवाल हैं जो आज कहीं अधिक प्रासंगिक हो चुके हैं.
कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेन्द्र बंजारे ने आगे कहा कि मोदी सरकार की पूरी बुनियाद ही नई-नई योजनाओं के इवेंट मैनेजमेंट पर टिकी हुई है, लेकिन इन तमाम वादों और प्रयासों के बीच में किसानों की स्थिति में हाल-फिलहाल में कोई सुधार नहीं दिखता है.
मोदी सरकार सिर्फ सपने दिखा रही है 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। अगर किसानों की सचमुच आय बढ़ानी है तो कृषि क्षेत्र को कम से कम औसतन 10 फीसदी सालाना की वृद्धि होनी चाहिए थी. जबकि हकीकत में यह 5 फीसदी की औसत दर से भी नहीं बढ़ रही है. भाजपा की केंद्र सरकार को अब स्वीकार कर लेना चाहिए कि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी नही कर सकती। कृषि को लाभकारी बनाने में केंद्र की भाजपावाली मोदी सरकार पूरी तरह फेल साबीत हुया है। किसानों की आय दुगुनी करने जैसे घोषणा अन्य घोषणाओं की तरह जुमला साबित होता नजर आ रहा है।