रायपुर, 18 जून 2021/ राज्य में पढ़ना-लिखना अभियान के अंतर्गत बच्चों के साथ-साथ अब पालकों को भी बुनियादी साक्षरता प्रदान कर शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा। शैक्षणिक संस्थाओं के बंद होने के कारण बच्चों को शिक्षित करने पालकों की जिम्मेदारी अब बढ़ गई है। प्रथम चरण में अशिक्षित पालकों को शिक्षित किया जाएगा। अब बालक और पालक मिलकर पढेंगे मोहल्ला क्लास।
राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा 17 व 18 जून को आयोजित राज्य स्तरीय वेबीनार में अशिक्षित पालकों को शिक्षित करने के लिए बनायी गई रणनीति के संबंध में विषय विशेषज्ञों के साथ प्रदेश के सभी जिलों के ब्लॉक, नगरीय, संकुल, ग्राम पंचायत और वार्ड प्रभारियों को सीधे रूबरू होकर चर्चा की गई। इन दो दिनों की चर्चा में 10 हजार से अधिक लोगों ने यू-ट्यूब के माध्यम से भाग लिया।
पढ़ना-लिखना अभियान के तहत् राज्य स्तरीय वेबीनार का शुभारंभ राज्यगीत से किया गया। इस अवसर पर साक्षरता पर केन्द्रित एक थीम सांग भी दिखाई गयी। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक एवं नोड़ल अधिकारी प्रशांत कुमार पाण्डेय ने पढ़ना-लिखना अभियान के उद्देश्य, लक्ष्य एवं प्रभारियों के कार्य दायित्व के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
वरिष्ठ सलाहकार सत्यराज अय्यर ने पालकों के लिए नवाचारी गतिविधियों के बारे में प्रभावशाली प्रस्तुति दी। यूनीसेफ की सलाहकार डॉ. मनीषा वत्स द्वारा पठन-पाठन गतिविधियों का संचालन के संबंध में बताया। प्राधिकरण की परियोजना सलाहकार सुश्री नेहा शुक्ला द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल, पढ़ना-लिखना अभियान के एप्प में शिक्षार्थियों और स्वयंसेवी शिक्षकों की पुस्तकों के साथ फोटो अपलोड़ करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। राज्य स्तरीय वेबीनार में अभियान के प्रभारियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत कुमार पाण्डेय और दिनेश कुमार टांक द्वार दिए गए। इस अवसर पर परियोजना सलाहकार निधि अग्रवाल, प्राधिकरण के महेश वर्मा, डमरूधर दीप,कृष्णा गौर उपस्थित थे।