रायपुर। कांग्रेस सरकार आने के बाद प्रदेश में हर क्षेत्र में बदलाव देखने को नजर आया साथ ही महत्वपूर्ण विभागों में सभी महत्वपूर्ण लोगों को बराबर भागीदारी भी दी गई लेकिन अल्पसंख्यक की श्रेणी में आने वाले ईसाई समाज को किसी भी महत्वपूर्ण स्थानों में चयन नहीं किया गया ना ही उन्हें एल्डरमैन या किसी भी आयोग की सूचियों में शामिल किया गया ऐसे में उनकी परेशानियों को सरकार तक पहुंचाने की जो एक कड़ी है वह भी टूट गई।
100 से भी अधिक वर्षों से मदकूद्वीप में ईसाई समाज का भव्य मेला लगते आ रहा है सिर्फ एक मेले के भरोसे ही अब ईसाई समाज सिमट कर रह गए हैं क्योंकि मदकूद्वीप में लगने वाले मेले को लेकर भी हमारे समाज द्वारा कई बार सरकार के समक्ष अपनी बातों को रखा गया यह कहते हुए कि कई वर्षों से यहां मेला संचालित होते आ रहा है ऐसे में यह स्थल ईसाई समाज के लिए आवंटित कर दिया जाए क्योंकि यह स्थल मसीह समाज के लिए उनके आस्था का एक महत्वपूर्ण स्थान है लेकिन इसके बावजूद भी सरकार तक हमारी बातें शायद नहीं पहुंच पाई हो यही कारण है कि अभी तक उन्होंने इस मामले पर अपने कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है इसके अलावा ईसाई समाज से जुड़े और भी कई मामले हैं जिनके बारे में सरकार को जानकारी होना अति आवश्यक है क्योंकि हमारी समस्याओं को सुन सके ऐसा कोई भी प्रमुख सरकार से जुड़ ही नहीं पाया है
फिलहाल भूपेश सरकार के किसी भी क्षेत्र में ईसाई समाज का दखल नहीं है क्योंकि किसी भी क्षेत्र में हमारे समाज के लोगों को हिस्सेदारी नहीं दी गई है छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस का शासन है। पिछले ढाई साल में भूपेश सरकार ने कई योजनाएं लाईं, निगम बोर्डों से लेकर अल्डरमेन तक कई जगह नियुक्तियां कीं, लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि छत्तीसगढ़ के ईसाई समाज के लोगों को किसी भी तरह से महत्व नहीं दिया गया. किसी भी जगह और अब तक उन्हें सिर्फ नजरअंदाज किया गया है।मसीह समाज की स्थिति को देखते हुए मेरे द्वारा छत्तीसगढ़ के ईसाई समाज के उत्थान के लिए छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को उचित निर्देश देने हेतु मेरे द्वारा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा गया है जिसमें मसीह समाज के पुनरुत्थान के संबंध में व उनकी वर्तमान स्थिति के बारे में उन्हें अवगत कराया गया है..