रायपुर : कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव एवम पूर्व जनपद अध्यक्ष राजेंद्र पप्पू बंजारे ने छतीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल जी के द्वारा जैविक खाद्य को बढ़ावा देने वर्मी कम्पोस्ट खाद किसानों को सोसाइटी के माध्यम से दिए जाने पर भाजपा को पेट मे दर्द क्यो हो रहा है, आखिर किसानों को भाजपा रासायनिक खाद खरीदने क्यो मजबूर कर रहे है,पूर्व जनपद अध्यक्ष राजेन्द्र बंजारे ने आगे बताया कि संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है, बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग, प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान के चक्र को प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है।
प्राचीन काल में मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान का चक्र निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। भारत वर्ष में प्राचीन काल से कृषि के साथ-साथ गौ पालन किया जाता था। आज गौ पालन को बढ़ावा देने माननीय मुख्यमंत्री भुपेश बघेल जी ने गोठान योजना लाकर छत्तीसगढ़ के गोठानो में किसानों से गोबर खरीदकर एवम महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से जैविक खाद बनाकर किसानों को कम कीमत में गोबर खाद देने की शुरुवात किये है तो भाजपा में हाय तौबा क्यो मची है
कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेन्द्र बंजारे ने आगे कहा कि जैविक खेती, की विधि रासायनिक खेती की विधि की तुलना में बराबर या अधिक उत्पादन देती है अर्थात जैविक खेती मृदा की उर्वरता एवं कृषकों की उत्पादकता बढ़ाने में पूर्णत: सहायक है। वर्षा आधारित क्षेत्रों में जैविक खेती की विधि और भी अधिक लाभदायक है । जैविक विधि द्वारा खेती करने से उत्पादन की लागत तो कम होती ही है इसके साथ ही कृषक भाइयों को आय अधिक प्राप्त होती है तथा अंतराष्ट्रीय बाजार की स्पर्धा में जैविक उत्पाद अधिक खरे उतरते हैं। जिसके फलस्वरूप सामान्य उत्पादन की अपेक्षा में कृषक भाई अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आधुनिक समय में निरन्तर बढ़ती हुई जनसंख्या, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि की उर्वरा शक्ति का संरक्षण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती की राह अत्यन्त लाभदायक है ।