लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दो लोगों में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिलने से कोहराम मच गया है. इसमें से एक शख्स की मौत हो गई है जबकि दूसरी मरीज होम आइसोलेशन में रहकर रिकवर हो चुकी है. इनके संपर्क में आए लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. यूपी में डेल्टा प्लस वैरिएंट का मामला कहां से आया? स्वास्थ्य विभाग इसकी जानकारी निकालने में लगा हुआ है.
जानकारी के अनुसार, अप्रैल से मई महीने में कुल 850 सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग हेतु लिए है थे, जिसमें से महज 2 सैंपल में डेल्टा प्लस वैरिएंट पाया गया, जबकि 80 फ़ीसदी में डेल्टा और अन्य में पुरानी लहर के वैरिएंट पाए गए हैं. जून में 32 सैंपल के जिनोम सीक्वेंसिंग कराए गए, जिनकी जांच KGMU में चल रही है. अप्रैल और मई में गोरखपुर के आसपास के 30 नमूने जांच के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) की लैब में भेजे गए थे. 30 सैंपल में से 2 सैंपल में डेल्टा प्लस वैरिएंट पाया गया है जबकि 27 में डेल्टा वैरिएंट और एक में कप्पा वैरिएंट मिला है.
स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित पहला शख्स देवरिया का निवासी था, जिसकी आयु 66 साल थी और उसकी मृत्यु 29 मई को ही हो गई थी. जबकि दूसरा सैंपल BRD मेडिकल कॉलेज की एक रेजिडेंट डॉक्टर का था, जो होम आइसोलेशन में रहकर रिकवर हो जा चुकी है.