रायपुर,10 जुलाई 2021।राजधानी रायपुर में इन दिनों BJP के कुछ नेता बौखलाए हुए हैं. अब मीडियाकर्मियों से भी बदसलूकी में उतर आए हैं. पत्रकारों से धक्का-मुक्की करने में उतारू हो गए हैं. रौब दिखाते हुए धमकाने का काम कर रहे हैं. मीडियाकर्मियों को अपनी पहुंच बताकर गुंडागर्दी कर रहे हैं. ये माजरा कहीं और का नहीं बल्कि महापौर के चेंबर का है, जहां बीजेपी पार्षदों ने बदसलूकी की. पार्षद की बदतमीजी का वीडियो कैमरे में कैद हो गया है।
गुजारिश के बदले BJP पार्षद ने की बदसलूकी
दरअसल, महापौर एजाज ढेबर की बाइट लेने मीडियाकर्मी पहुंचे थे. इस दौरान पत्रकारों ने BJP पार्षद से गुजारिश की. थोड़ा आप कुर्सी को हटा लेंगे क्या, ताकि महापौर का बाइट लिया जा सके. इतने में निगम में उप नेता-प्रतिपक्ष और बीजेपी मनोज वर्मा तैश में आकर आग बबूला हो गए. इतना ही नहीं बदसलूकी करने लगे. साथ ही कहा कि महापौर की बाइट लेनी है, तो बाहर रहना चाहिए. बाहर से लीजिए. पहले हमारा अधिकार है. इस तरह करके BJP पार्षद ने जमकर बदतमीजी की. पूरी घटना का वीडियो कैमरे में रिकॉर्ड हो गया है
मनोज वर्मा ने तैश में आकर पत्रकारों को धमकाया
वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है मनोज वर्मा तैश में आकर किस तरह से महापौर के चेंबर में पत्रकारों को धमका रहे हैं. वीडियो में देखकर लग रहा है अगर सरकारी दफ्तर नहीं होता, तो पत्रकारों के साथ मारपीट भी कर देते, क्योंकि उनका गुस्सा वीडियो में देखने से लग रहा है. लोग उनको शांत करा रहे हैं, लेकिन उप नेता-प्रतिपक्ष मनोज वर्मा पता नहीं किस गुरूर में हैं, जो अपनी कुर्सी की हनक दिखा रहे
अब जवाब देने से बच रही निगम नेता प्रतिपक्ष
पत्रकारों से बदतमीजी मामले में निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि भाजपा नेता ने मीडियाकर्मियों से बदसलूकी मामले में हैरान करने वाला जवाब दी हैं. उन्होंने कहा कि मैं इस मामले में कुछ नहीं बोलना चाहूंगी. जबकि उनके आंखों के सामने या घटना हुआ है, लेकिन कहीं न कहीं नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे अपने पार्षद के पक्ष में दिख रही हैं. मीडियाकर्मियों के सवाल से वो भागती नजर आई हैं.
बहरहाल, अब सवाल ये उठता है कि बीजेपी पार्षद जब मीडिया से ऐसी बदसलूकी करते हैं, तो जो आम जन अपनी तकलीफ लेकर आते हैं, उनके साथ कैसा व्यवहार करते होंगे. क्या उनसे भी ऐसे बदतमीजी करते हैं. बीजेपी नेताओं की गुंडागर्दी कहां तक सही है. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ बदसलूकी कहां तक सही है ?