रायपुर : आज छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वप्नदृष्टा कहे जाने वाले डॉ. खूबचंद बघेल की जयंती है। उनकी स्मृति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में संस्कृति व पुरात्व विभाग द्वारा संग्रहालय परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने की, उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में छत्तीसगढ़ के स्वाधीनता सेनानी व किसानों के हितैषी माने जाने वाले डॉ. खूबचंद बघेली की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने डॉ. खूबचंद बघेल के योगदान को याद करते हुए कहा- “सामाजिक एवं जातिगत संकीर्णता को मिटाने के लिये उनके द्वारा किये गये प्रयोग- पंक्ति तोड़ो आंदोलन और किसबिन नाच बंद सत्याग्रह किया गया जो, सफल हुये। पिछड़ों के आर्थिक मुक्ति के लिये सिलयारी में ‘ग्राम उद्योग संघ’, शिक्षा सुधार के लिये ‘जनता हाई स्कूल’ खोलने का अभिनव प्रयास किया। गांधी जी के भारत छोड़ो आंदोलन, करो या मरो आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करते हुये जेल गये।”
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा, विशिष्ट अतिथि संसदीय सचिव कुंवरसिंह निषाद, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. एल. वर्मा, प्रदेश के वरिष्ठ लेखक एवं साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा, डॉ. जागेश्वर प्रसाद, डॉ. सत्यभामा आडिल,छत्रपाल सिरमौर, डॉ. राजेन्द्र कुमार वर्मा, शेषनारायण बघेल, विष्णु बघेल एवं अमित बघेल सहित डॉ. खूबचंद बघेल के परिजन शामिल हुए।