रायपुर : 5 अगस्त को दिल्ली में आयोजित संसद घेराव के लिए छःग के कोने कोने से सैकड़ो युवा नेता अलग अलग जत्थों में दिल्ली रवाना हो रहे हैं।खबर है कि कई जत्थे दिल्ली पहुच भी चुके हैं।
चर्चा पहाड़गंज की..
दिल्ली का पहाड़गंज इलाका ऐसे अवसर पर मिनी छःग बन जाता है। पहाड़गंज के चुनामण्डी इलाके की होटलें दशकों से छःग के कांग्रेस जनों की पहली पसंद रही हैं।पहाड़गंज की एक और विशेषता है कि यहां बारहों महीने विदेशी हिप्पियों का डेरा बना रहता है।
दरअसल दिल्ली के अन्य इलाकों की तुलना में पहाड़गंज के चुनामण्डी इलाके में हर किसी के बजट अनुसार ठहरने खाने की सुविधा है साथ ही छःग से आये अन्य साथियो से मिलने का यह एक आसान मंच है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पैदल दूरी पर स्थित इस इलाके से ऑटो या टैक्सी में दिल्ली को नापना बेहद आसान भी होता है।
एक रोचक तथ्य यह भी है कि एक कार्यकर्ता अपने संघर्ष काल के दौरान दिल्ली आगमन पर पहाड़गंज में ठहरता है यहां की गलियों में स्थित अनगिनत छोटे छोटे ढाबों,रेस्टोरेंट में अपने बजट का भोजन कर टिके रहता है और फिर एक समय वही कार्यकर्ता विधायक बनकर राज्य के सरकारी भवन में अतिथि बनता है तो सांसद बनकर दिल्ली में अपना सरकारी आवास का सपना पूरा करता है।पहाड़गंज से छःग भवन की दूरी नापने में कई बार मूंछ की रेख फूटने से बाल सफेद होने जितना समय गुजर जाता है तो कइयों को यह सफलता बहुत अल्प समय मे हासिल हो जाती है।कई ऐसे भी हैं जो पहाड़गंज की गलियों को नापे बगैर शॉर्टकट रास्ते से डायरेक्ट विधायक बन छःग भवन तक पहुच जाते हैं
बहरहाल पहाड़गंज की गलियों से एक दिन पूरे अधिकार व सम्मान के साथ छःग भवन पहुचना ही हर कार्यकर्ता का लक्ष्य होता है।
बात मुद्दे की
सूत्रों के अनुसार 5 अगस्त को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम छःग युवा कांग्रेस के लिए शक्ति प्रदर्शन का एक अवसर बन कर आया है।
जैसा कि विदित है कि यहां 3 बरस से ठप्प पड़े राहुल के चुनाव सिस्टम को शुरू करवाने युंका का एक धड़ा आरपार की लड़ाई तक आ पहुचा है वहीं दूसरा धड़ा किसी भी स्थिति में चुनाव प्रक्रिया को रोके रखने में एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है।5 अगस्त को यह दोनों धड़े दिल्ली के दंगल में आमने सामने होंगे।
गौर तलब है कि छःग में युवा कांग्रेस और एनएसयूआई दोनो ही संगठनों में विगत कई वर्षों से चुनाव नही हुए हैं। भाजयुमो के नेता इसे राहुल गांधी के कथनी और करनी में अंतर भी बताते हैं।
खास बात यह है कि इस आयोजन के बहाने पहली बार राज्य के दूसरे नम्बर के शक्तिशाली नेता टीएस सिंहदेव के पुत्र आदित्य शरण सिंहदेव भी सरगुजा के सैकड़ो समर्थकों के साथ अपने गुट के प्रदेश युंका अध्यक्ष कोको पहाड़ी के साथ आयोजन में उपस्थिति दर्ज कराने पहले से दिल्ली पहुच चुके हैं।
युंका चुनाव की सुगबुगाहटों के बीच युवराज आदित्य की युंका के आयोजन में रुचि निश्चित रूप से भविष्य के लिए कोई बड़ा संकेत भी है और इसीलिए दूसरा खेमा जो इस आयोजन में अब तक औपचारिक उपस्थिति दर्ज कराने तक सीमित था वह अब पूरी ताकत के साथ दिल्ली की सड़कों पर हुंकार भरने की तैयारी में जुट गया है।बताते हैं कि सीएम गुट से प्रदेश युंकाध्यक्ष के प्रबल दावेदार आकाश शर्मा के नेतृत्व में दिल्ली रवाना हो रहे जत्थे में अब राज्य के दमदार युवा विधायक देवेंद्र यादव का नाम भी जुड़ चुका है।
देवेंद्र का इस पूरे आयोजन से जुड़ना निश्चित रूप से युवराज के शामिल होने की खबरों के बाद आनन फानन में लिया गया फैसला लगता है।।
छःग में एक ओर पूर्व में निर्वाचित एनएसयूआई व युंकाइयों का एक संयुक्त धड़ा है जो दोनो ही सँगठनो में अविलंब चुनाव चाहता है तो दूसरी ओर मनोनीत अध्यक्ष कोको पाढ़ी के नेतृत्व में विगत 2 वर्षों में क्रमशः मनोनीत पदधिकारियों की एक लंबी सूची है जो चुनाव को अपनी राजनीति के लिए खतरा मानती हैं।
देखते हैं 5 अगस्त को दिल्ली के इस जमावड़े के कुलयोग से क्या कुछ निकल कर आता है।।