नई दिल्ली: आज स्वतंत्रता दिवस का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लालकिले पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। आज देश में आज़ादी के अमृत महोत्सव के जश्न की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हर देश की विकासयात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वो देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है, खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है, भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है। अब हमें सैचुरेशन की तरफ जाना है। अब समय आ गया है कि शत प्रतिशत गांवों में सड़कें हों, शत प्रतिशत परिवारों के पास बैंक अकाउंट हो, शत प्रतिशत लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत का कार्ड हो, शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों के पास उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन हो।’
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इसी के साथ उन्होने कहा, ‘आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। आज आजादी के अमृत महोत्सव के इस पर्व पर देश अपने सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहा है। महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर समेत अन्य सभी को आज देश याद कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि जय-पराजय आते रहे, लेकिन मन में बसी हुई आजादी की आकांक्षा कभी खत्म नहीं हुई।’
इसी के साथ उन्होने कहा, ‘कोरोना काल में देश के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाने का काम किया, करोड़ों लोगों ने पल-पल जनसेवा की है। आज देश के कई इलाकों में बाढ़, भूस्खलन में कई लोगों की जान गई है, उन्हें देश याद करता है। इस दौरान ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन पर खिलाड़ियों को बधाई दी, पीएम मोदी ने यहां सभी खिलाड़ियों के लिए तालियां बजवाईं। बंटवारे का दर्द आज भी हिन्दुस्तान के सीने को छलनी करता है, ये पिछली सदी की सबसे बड़ी शताब्दियों में से एक है। भारत ने फैसला लिया है कि 14 अगस्त को हर साल अब विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा। जो लोग बंटवारे के समय अत्याचार सहा, अब उन लोगों का सम्मान किया जाएगा।’
आगे प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा- ‘प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना’ का ऐलान किया जाएगा, ये 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजना होगा जो लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लाएगी। ये देश के लिए मास्टरप्लान होगा जो नए इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखेगा। कोरोना काल बहुत चुनौतियों के साथ आया, देश ने इन मुश्किलों का मिलकर सामना किया। ये हमारी ताकत है कि आज वैक्सीन के लिए हमें किसी बाहरी देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा, अगर भारत के पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता। पोलियो की वैक्सीन पाने में भारत को कई साल गंवाने पड़े, लेकिन इतने बड़े संकट के दौरान हमारे वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया।’