नई दिल्ली : देश में कोविड-19 के 36,401 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,23,22,258 हो गई। वहीं 530 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4,33,049 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक लोगों के स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 97.52 फीसदी है, जो कि पिछले साल मार्च के बाद सबसे ज्यादा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 3,64,129 रह गई है, जो 149 दिनों में सबसे कम है। यह संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 1.13 फीसदी है, जो मार्च 2020 के बाद सबसे कम है।
पिछले 24 घंटे की अवधि में इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या में 3,286 की कमी आई। मंत्रालय ने बताया कि बुधवार को 18,73,757 नमूनों की जांच हुई, जिसके बाद अब तक कुल नमूनों की जांच की संख्या बढ़कर 50,03,00,840 हो गई। दैनिक संक्रमण दर 1.94 प्रतिशत दर्ज की गई। पिछले 24 दिनों से यह तीन फ़ीसदी से नीचे रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक साप्ताहिक संक्रमण दर 1.95 प्रतिशत दर्ज की गई। पिछले 55 दिनों से यह तीन फीसदी से नीचे रही है। आंकड़ों के अनुसार अब तक संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या बढ़कर 3,15,25,080 हो गई। वहीं मृत्यु दर 1.34 फीसदी है।
मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोविड-19 टीकों की कुल 56.64 करोड़ खुराक दी गई हैं। भारत में कोविड-19 मामलों का आंकड़ा सात अगस्त, 2020 को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख को पार कर गया था। यह 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख को पार कर गया था। इसने 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार किया था। देश में संक्रमण के मामलों की संख्या चार मई को दो करोड़ और 23 जून को तीन करोड़ के आंकड़े को पार कर गई थी।
देश भर में हुईं 530 मौतों में से 179 केरल में और 158 महाराष्ट्र में हुई हैं।
देश में अब तक कुल 4,33,049 मरीजों की मौत हुई हैं, जिनमें महाराष्ट्र में 1,35,413, कर्नाटक में 37,061, तमिलनाडु में 34,610, दिल्ली में 25,077, उत्तर प्रदेश में 22,787, केरल में 19,049 और पश्चिम बंगाल में 18,325 मौत हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 70 प्रतिशत से अधिक लोगों की मौत मरीजों के अन्य बीमारियों से पीड़ित होने के कारण हुईं।
मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “हमारे आंकड़ों का भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।