नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के सदस्य सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक जरूरी खबर है. केंद्र की मोदी सरकार आपके पीएफ अकाउंट को दो हिस्सों में बांटने जा रही है. इसके लिए केंद्र सरकार ने नए आयकर नियमों को अधिसूचित भी कर दिया है. सरकार के नए आयकर नियमों के तहत मौजूदा पीएफ अकाउंट को दो अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया जाएगा.
दरअसल, सरकार की नजर अब आपके पीएफ अकाउंट में जमा रकम पर भी टिकी हुई है. सरकार की ओर से ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि आपके पीएफ अकाउंट में जमा राशि से भी वह टैक्स की वसूली कर सके. अभी तक पीएफ अकाउंट में सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के योगदान को टैक्स से मुक्त रखा गया है और आईटी रिटर्न दाखिल करने वालों को ईपीएफ में योगदान की राशि पर टैक्स से छूट भी दी जाती है, लेकिन सरकार के नए नियमों को लागू हो जाने के बाद पीएफ में योगदान की राशि पर टैक्स से छूट मिलना बंद हो जाएगा.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, पीएफ अकाउंट में जमा आपकी रकम पर मिलने वाले ब्याज की गणना करने के लिए उसी खाते में एक अलग से खाता खोला जाएगा. इसके बाद सभी मौजूदा ईपीएफ खातों को टैक्सेबल और नन-टैक्सेबल खातों में बांट दिया जाएगा. इसका मतलब यह कि अब केंद्र सरकार की नजर आपके पीएफ खातों में जमा रकम पर भी टिकी हुई है.
सीबीडीटी की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, 31 मार्च 2021 तक किसी भी योगदान पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के बाद पीएफ खातों पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होगा और उसकी गणना अलग-अलग की जाएगी. वित्त वर्ष 2021-22 और उसके बाद के वर्षों में पीएफ अकाउंट के भीतर अलग-अलग अकाउंट होंगे.
सीबीडीटी ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि नए नियम 1 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे, लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 तक अगर आपके खाते में सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा होता है, तो उस पर मिलने वाला ब्याज कर कर योग्य होगा और उस पर आपको टैक्स देने होंगे. इस ब्याज की जानकारी लोगों को अगले साल के इनकम टैक्स रिटर्न में देनी होगी.