नई दिल्ली : असम के दरांग जिले के ढोलपुर में हुई हिंसा का वीडियो वायरल होने के बाद असम के मुख्यमंत्री का बयान सामने आया है जिसमें वे कह रहे हैं कि आप एक वीडियो से राज्य सरकार को नीचा नहीं दिखा सकते. 1983 से वह इलाका हत्याओं के लिए जाना जाता है. और यह अभियान रातों रात नहीं चलाया गया इस पर पिछले 4 महीनों से चर्चा चल रही थी और सभी की सहमति के बाद यह अभियान चलाया गया.
हाल ही में असम में हुई हिंसा का वीडियो सामने आया है दरअसल वीडियो में पुलिस और गाँव वालों के बीच झड़प होती दिखाई दे रही है इसी बीच एक कैमरामेन भी एक व्यक्ति को लात और घूंसो से मारता नज़र आ रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक न्यूज एजेंसी को बयान दिया है.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आप एक वीडियो से राज्य सरकार को नीचा नहीं दिखा सकते. 1983 से वह इलाका हत्याओं के लिए जाना जाता है, वरना आम तौर पर लोग मंदिर की जमीन पर कब्जा नहीं करते हैं. मैंने चारों तरफ अतिक्रमण देखा है. शांतिपूर्ण निष्कासन अभियान पर सहमति बनी, लेकिन उन्हें किसने उकसाया?
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि असम के दरांग जिले के ढोलपुर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसी सिससिले में गुरुवार को पुलिस की टीम आई थी. पुलिस इस इलाके में बसे 800 परिवारों को हटाने का प्रयास कर रही थी. जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया.
उन्होंने कहा कि यह अभियान एक सहमति के साथ शुरू किया गया था, इस भूमि नीति के अनुसार प्रत्येक भूमिहीन को 2 एकड़ भूमि प्रदान किया जाएगा, प्रतिनिधियों ने इस पर सहमति भी जताई. हमें किसी प्रतिरोध की उम्मीद नहीं थी लेकिन लगभग 10,000 लोगों ने असम पुलिस का घेराव किया, हिंसा का इस्तेमाल किया, इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की. हम इस बात की जांच करेंगे कि कैमरामैन घटनास्थल पर कैसे आया? उसने उस व्यक्ति पर क्यों लात और मुक्के बरसाए?
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस घटना में हमारे 11 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं. हमने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. यह अभियान बेहद जरूरी था, और यह रातों-रात नहीं हुआ, 4 महीने से इस पर चर्चा भी चल रही थी. कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मुलाकात की और भूमिहीनों को भूमि आवंटन पर सहमति व्यक्त की. 27,000 एकड़ भूमि का सही उपयोग किया जाना चाहिए. एक मंदिर था, जिस पर भी अतिक्रमण किया गया था.