रायपुर,9 दिसंबर 2021। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि आज चेम्बर के प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर कृषि उपज मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान करने हेतु ज्ञापन सौंपा।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि पोहा उद्योगों पर पूर्व में 1ः की दर से मंडी-शुल्क लगता था, परंतु छत्तीसगढ़ शासन की अधिसूचना क्र. 5923/ डी-15/ 116/ पार्ट-2 /2004/14-2 दिनांक 30.11.2021 छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी ( संशोधन ) अधिनियम 2020 में किये गये संशोधन के अनुसार अधिसूचित कृषि उपज की कीमत के प्रत्येक 100 रूपये पर मंडी शुल्क 3 रू. एवं कृषक कल्याण शुल्क 2 रू.की दर से दिनांक 01.12.2021 से आगामी आदेश तक प्रभावशील कर दी गई है। इसी प्रकार उपरोक्त अधिसूचना में किराना एवं दलहन पर 0.5ः की दर से कृषक कल्याण शुल्क एवं मंडी शुल्क 1ः प्रभावशील कर दी गई है।
पारवानी ने कहा कि कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने हेतु आपकी 19-24 उद्योग नीति में खाद्य प्रसंस्करण को विशेष बढ़ावा दिया गया है, जिससे प्रोत्साहित होकर किसान, उद्योगपति एवं व्यापारियों का व्यवसाय सुचारू एवं सरलता से चल रहा है जिससे रोजगार के अवसरों में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है।
वर्तमान अधिसूचना के आधार पर यदि मंडी शुल्क में वृद्धि होती है तो छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त पोहा, दलहन उद्योग एवं किराना व्यवसाय अन्य समीपवर्ती राज्यों के समक्ष प्रतिस्पर्धा में खड़े नहीं हो पायेंगे जिससे प्रदेश के पोहा, दलहन उद्योगों एवं उसमें कार्यरत श्रमिक बेरोजगार हो जायंेगे एवं किराना व्यवसाय पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में पोहा मुरमुरा के लगभग 300 लघु उद्योग एवं दलहन उद्योग में लगभग 400 लघु उद्योग स्थापित हैं जिनमें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50000 लोगों को रोजगार प्राप्त होता है और 100ः स्थानीय लोगों को ही रोजगार मिला हुआ है, इससे स्थानीय लोगों को परिवार के भरण-पोषण में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पारवानी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अनुरोध किया कि पोहा, मुरमुरा, दलहन प्रसंस्करणकर्ताओं, एवं किराना , दलहन व्यवसाय को उपरोक्त मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क से पूर्णतः मुक्त रखा जावे जिससे छत्तीसगढ़ शासन की उन्नति में सहभागी बने रहें एवं कार्यरत हजारों लोगों का रोजगार भी सलामत रहे।
मुख्यमंत्री बघेल ने चेम्बर के ज्ञापन को समीक्षा हेतु कृषि विभाग में भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि मंडी शुल्क पर बढ़ोत्तरी विभागीय प्रस्ताव के आधार पर की गई है, अतः इनकी समीक्षा भी कृषि विभाग द्वारा की जायेगी।
प्रतिनिधि मंडल में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन,कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल,उपाध्यक्ष- नरेन्द्र हरचंदानी, मंत्री- नीलेश मूंधड़ा, राजेन्द्र खटवानी, जवाहर थौरानी, छत्तीसगढ़ पोहा मुरमुरा उत्पादक महासंघ के अध्यक्ष कमलेश कुकरेजा, राजेश थारानी, पोहा मुरमुरा संघ भाटापारा के संरक्षक- अध्यक्ष-रंजीत दावानी, राकेेश मंधान, अजय मंधानी, रवि मंधानी, अनिल रोचलानी, नरेन्द्र पंुशी, हरीश निहलानी, नितिश लोहिया, विकास अग्रवाल, नरेश आर्य, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।