कोरोना वैक्सीनेशन के लिए मील का पत्थर साबित हुआ ‘मोर जिम्मेदारी’ अभियान, प्रदेश के 23 जिलों में लाखों आदिवासियों को टीकाकरण के लिए किया प्रेरित

रायपुर। कोरोना के टीके को लेकर उड़ी अफवाहों के चलते अधिकांश लोग टीकाकरण से बचने का प्रयास कर रहे थे, विशेषकर छत्तीसगढ़ के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में तो लोग टीका लगाने वालों को देखकर भाग जाते थे। ऐसे में एकता परिषद् ने UNICEF की मदद से ‘मोर जिम्मेदारी’ नाम का अभियान चलाया और घर-घर जाकर लोगों को टीके के लिए प्रोत्साहित किया, जिसका परिणाम यह निकला कि आदिवासी बाहुल्य इलाकों में वैक्सीनेशन का आंकड़ा बढ़ गया।कोरोना वैक्सीनेशन के लिए मील का पत्थर साबित हुआ 'मोर जिम्मेदारी' अभियान, प्रदेश के 23 जिलों में लाखों आदिवासियों को टीकाकरण के लिए किया प्रेरित

8000 गावों के 11 लाख लोगों को किया प्रोत्साहित

प्रदेश के 23 आदिवासी बाहुल्य जिलों में ‘मोर जिम्मेदारी’ अभियान पूरे 100 दिनों तक चलाया गया, जिसका औपचारिक समापन आज विधानसभाध्यक्ष डॉ चरण दास महंत के निवास स्थित सभाकक्ष में हुआ। इस मौके पर एकता परिषद के संयोजक रमेश शर्मा ने बताया कि उनकी सहयोगी संस्था ‘प्रयोग’ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ‘मोर जिम्मेदारी’ अभियान के तहत प्रदेश के 23 आदिवासी बाहुल्य जिलों के 8000 गावों तक अपनी पहुंच बनाई और लगभग 11 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाने के लिए प्रेरित किया।

कठिन परिस्थितियों का करना पड़ा सामना

विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत के समक्ष एकता परिषद, प्रयोग के कार्यकर्ताओं ने अभियान के दौरान हुए अपने अनुभव भी सुनाये। सरगुजा से लेकर बस्तर तक सैकड़ों कार्यकर्ताओं की टीम दूरस्थ वनांचल में लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने पहुंची, तब कई बार ऐसे मौके भी आये, जब लोग इन्हें कोरोना वैक्सीन लगाने वाली टीम समझ कर पहाड़ों के ऊपर भाग जाते थे। बड़ी मुश्किल से उन्हें वापस बुलाकर कोरोना टीके के फायदे के बारे में बताया जाता। दावा है कि इस अभियान के साथ ही आदिवासी बाहुल्य इलाकों में कोरोना का टीकाकरण बड़ी ही तेजी से बढ़ा।

मोबाइल और पैसे भी छीने…

इस कार्यक्रम के दौरान पुरेंद्र नामक युवक को सम्मानित किया गया। बताया गया कि पुरेंद्र अपनी टीम के साथ जागरूकता रथ में सवार होकर दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित इलाके में जा रहा था, इसी दौरान अनजान लोगों रस्ते में रोककर उसके मोबाइल, पैसे, कियोस्क और अन्य सामग्रियां छीन लीं। इस दौरान वे थोड़े समय के लिए भयभीत तो हुए मगर उनका अभियान निरंतर चलता रहा। कार्यकर्ताओं की टीम में भुंजिया जनजाति सहित अन्य प्रमुख जनजातियों के लोगों को शामिल करके ग्रामीणों को टीके के लिए प्रोत्साहित करने में मदद ली गई। इस अभियान में संबंधित इलाकों के विधायक और सांसदों और प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों का भी सहयोग मिला।

स्पीकर ने जताया आभार

इस मौके पर एकता परिषद के संयोजक रमेश शर्मा के अलावा UNICEF के संचार विशेषज्ञ सैम सुधीर, अभियान के लीडर भारत ठाकुर, प्रशांत कुमार और अन्य सभी ने इस अभियान के बारे में बताया। अंत में विधानसभाध्यक्ष डॉ चरण दास महंत ने इस वृहत अभियान की सराहना की और कहा कि जिस महामारी से पूरा विश्व चिंतित था, उसके टीकाकरण की जागरूकता के लिए ग्रामीण इलाकों के लोगों के माध्यम से ही ग्रामीणों को जागरूक करने का जो अभियान चलाया गया, उसके लिए UNICEF, एकता परिषद और प्रयोग संस्था बधाई के पात्र हैं।

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