रायपुर, 07 फरवरी 2022 : स्मार्ट क्लास, मॉडर्न लेबोरेटरी, लायब्रेरी और डिजिटल लायब्रेरी में दर्शकों ने दिखाई रूचि रायपुर के साईंस कॉलेज ग्राउण्ड में आयोजित प्रदर्शनी में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रदर्शनी में स्वामी आत्मानंद स्कूल की अधोसंरचना के मॉडल लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहा साईंस कॉलेज ग्राउण्ड में आयोजित प्रदर्शनी में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रदर्शनी में स्वामी आत्मानंद स्कूल की अधोसंरचना के समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्राथमिक शाला बंगालीपारा चठिरमा जिला अम्बिकापुर की कुमारी मधु सोनवानी ने कॉन्फ्रेंस कॉल गुरूजी पद्धति के
रायपुर के साईंस कॉलेज ग्राउण्ड में आयोजित प्रदर्शनी में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रदर्शनी में स्वामी आत्मानंद स्कूल की अधोसंरचना के मॉडल लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहा। लोगों ने स्वामी आत्मानंद स्कूल में बेहतर शिक्षा के लिए बने स्मार्ट क्लास, मॉडर्न लेबोरेटरी, लायब्रेरी और डिजिटल लायब्रेरी में भी रूचि दिखाई। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने विभागीय प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए बच्चों और उनके पालकों से पढ़ाई की जानकारी ली और स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में चर्चा की। शिक्षा मंत्री से मिलकर बच्चे उत्साहित हो गए। बच्चों ने मंत्री के साथ सेल्फी और आटोग्राफ भी लिया।
मंत्री डॉ. टेकाम ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों से आए शिक्षकों द्वारा किए गए नवाचारों की सराहना की। प्रत्येक स्टाल में शिक्षकों से बातचीत कर स्टाल के संबंध में संक्षिप्त जानकारी प्राप्त की। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत पढ़ई तुंहर दुआर, मल्टी मीडिया, हमारे प्रकाशन, नवा जतन आंकलन, अंगना म शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, डिजिटल साक्षरता, टॉय स्टाल, सिनेमा वाले गुरूजी सहित कई नवाचारी गतिविधियों, आईटीआई, समग्र शिक्षा, एससीईआरटी, राज्य साक्षरता मिशन के स्टालों का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक नारायण बंजारा, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत कुमार पाण्डेय सहित विभिन्न स्टालों के प्रभारी उपस्थित थे।
प्रदर्शनी में सरगुजा संभाग के शिक्षकों ने नवाचारी गतिविधियों के मॉडल का प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने विज्ञान कॉलेज, अंग्रेजी का विज्ञान-ऐसा क्यों ?, अंगना म शिक्षण, कबाड़ से जुगाड़, खिलौने द्वारा शिक्षा, सौर मंडल चलित आदि नवाचार गतिविधियों के विस्तृत जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री को दी। डिजिटल साक्षरता के अंतर्गत महिलाओं द्वारा निर्मित बड़ी, पापड़, मिर्च का प्रदर्शन किया गया। मोबाइल और कम्प्यूटर का उपयोग दैनिक जीवन में किस तरह कर रहे हैं इस संबंध में अंगना म शिक्षा का स्टाल आकर्षण का केन्द्र बना।
छात्रों द्वारा प्रदर्शित गेड़ी और भंवरा भी आकर्षक रहे। प्रदर्शनी में सरगुजा से नवाचारी शैक्षणिक गतिविधियों का प्रदर्शनी किया गया। अंग्रेजी विषय में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परसा की व्याख्याता कंचन लता श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने हस्त लिखित शैक्षणिक सामग्री से ऑनलाईन जिला एवं विद्यालय स्तर पर पढ़ाया और उसे विभिन्न व्हाट्सअप गु्रप में भेजकर छात्रों की समस्याओं का समाधान किया।
विभिन्न प्रकार के रोचक हैंड आउट्स, पोस्टर और हैंडीक्रॉप्टस के माध्यम से शिक्षा को रूचिकर बनाकर कोरोनाकाल में शिक्षा को सुगम बनाया। अम्बिकापुर के शासकीय प्राथमिक शाला जूनापारा सोहगा के ललित गुप्ता ने बताया कि सरगुजा की लोक संस्कृति को दर्शाती हुई विभिन्न सामग्रियों को प्रदर्शित किया। इसमें सब्जी-भाजी को सूखाकर बनाई गई सुकटी, खेती के औजार जैसे नांगर, जुआ, ढेकी, पैरा पीड़ा, हल्दी, पत्ता पीढ़ा, धान रखने का बेंद और हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, पर्यावरण गतिविधि आधारित टी.एल.एम. की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
सरगुजा के ही सहायक शिक्षा एलबी किरण सिंह ने बताया कि उन्होंने सरगुजिया संस्कृति का उपयोग कर बच्चों की भाषा के विकास के लिए आदिवासी नवाचार का काम किया है। राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में सरगुजा जिले के उदयपुर के शिक्षक युगल किशोर तिवारी ने कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से स्मार्ट सिटी मॉडल का प्रदर्शन, उसका महत्व के लिए नवाचार के माध्यम से नये रूप में प्रस्तुत किया।
समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्राथमिक शाला बंगालीपारा चठिरमा जिला अम्बिकापुर की कुमारी मधु सोनवानी ने कॉन्फ्रेंस कॉल गुरूजी पद्धति के प्रदर्शन में बताया कि ऐसे बच्चे जिनके पास एन्ड्राईड मोबाइल नहीं है, की-पेड मोबाइल के द्वारा नवाचारी पढ़ाई कराने को काफी पसंद किया गया। शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय दबका विकासखण्ड खैरागढ़ जिला राजनांदगांव के शिक्षक अजय सिंह राजपूत ने सौर मंडल चलित मॉडल प्रदर्शन में बच्चों को पृथ्वी के परि-भ्रमण और पृथ्वी के परिक्रमा जो सूर्य करता है की अवधारणा का मॉडल प्रस्तुत किया।
मॉडल के माध्यम से जलवायु परिवर्तन, बड़ा दिन व दिन-रात बराबर होना, चन्द्रगहण और सूर्य ग्रहण की घटना को स्पष्ट समझाया गया। कबाड़ से जुगाड़ के अंतर्गत मॉडल मिशन मंगलयान बनाया गया, जिसमें कबाड़ का उपयोग करके 400 करोड़ के मिशन को 0.001 प्रतिशत की कास्ट पर मिशन को समझाने का प्रयास किया गया।