नई दिल्ली : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हिजाब विवाद पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा न तो हिजाब इस्लाम का हिस्सा है और न ही सिखों की पगड़ी से इसकी तुलना उचित है. उन्होंने कहा कि कुरान में हिजाब का जिक्र जरूर है लेकिन महिलाओं के ड्रेस कोड से इसका संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि इस्लाम के अनुसार हिजाब का मतलब पर्दा से संबंधित है, इसका अर्थ है कि जब आप किसी से बोलते हैं तो आपको पर्दा होना चाहिए. वहीं उन्होंने सिखो की पगड़ी से तुलना किए जाने के तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि पगड़ी, सिख धर्म का अनिवार्य हिस्सा है, जबकि हिजाब के साथ नहीं है.
आरिफ मोहम्मद खान ने हिजाब विवाद को एक ‘‘साजिश’’ करार देते हुए कहा कि यह पसंद का मामला नहीं है, बल्कि सवाल है कि क्या कोई व्यक्ति किसी संस्थान के नियमों, ड्रेस कोड का पालन करेगा या नहीं. कर्नाटक में मुद्दे पर छिड़े विवाद के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि ‘‘कृपया इसे विवाद के रूप में न लें…यह एक साजिश है.’’ खान ने कहा, ‘‘मुस्लिम लड़कियां हर जगह ‘‘बहुत अच्छा’’ कर रही हैं और इसलिए उन्हें प्रोत्साहन की जरूरत है. उन्हें नीचे धकेलने की जरूरत नहीं है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह (हिजाब पहनना) पसंद का सवाल नहीं है, बल्कि यह सवाल है कि अगर आप किसी संस्थान में शामिल हो रहे हैं तो क्या आप नियमों, अनुशासन और ड्रेस कोड का पालन करेंगे या नहीं.’’ केरल के राज्यपाल ने एक दिन पहले कहा था कि अगर इस्लाम के इतिहास पर गौर किया जाए तो महिलाओं के पर्दा करने से इनकार करने के उदाहरण रहे हैं. हालांकि, उन्होंने खुलकर अपनी राय जाहिर नहीं की लेकिन अपनी बात रखने के लिए एक युवा महिला की कहानी सुनाई, जो पैंगबर की रिश्तेदार बतायी जाती है. खान ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं आपको एक बात बताऊंगा…एक युवा लड़की, जो पैगंबर के घर में पली-बढ़ी थी… वह पैगंबर की पत्नी की रिश्तेदार थीं. वह काफी सुंदर थी…इतिहास यही कहता है…इसे पढ़िए.’’
कहानी के हवाले से उन्होंने कहा कि मध्यकाल में जब उस महिला का पति कूफा का गवर्नर था तो उसे हिजाब न पहनने के लिए फटकार लगायी गयी थी. उसने तब कहा था कि अल्लाह ने उसे खूबसूरत बनाया और अल्लाह ने उस पर खूबसूरती की मुहर लगा दी थी. खान ने कहा, ‘‘उसने कहा कि मैं चाहती हूं कि लोग मेरी सुंदरता देखे और मेरी सुदंरता में अल्लाह का रहम देखे…और अल्लाह का शुक्रगुजार रहे…इस्लाम की पहली पीढ़ी की महिलाओं की यह सोच थी. मैं यही कहना चाहता हूं.’’
पिछले दिनों कर्नाटक के उडुपी में सरकारी महाविद्यालय में हिजाब पहनकर आई छात्रों को कक्षाओं में प्रवेश नहीं देने से विवाद शुरू हुआ था. बाद में यह विवाद और गंभीर हो गया और कुछ हिंदू छात्र भगवा गमछा लेकर आने लगे.