अफरोज खान
सूरजपुर. सूरजपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजना जैसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की हितग्राही ऑनलाइन ठगी का हो रही शिकार,ठग बैंक खाते में जमा राशि को कर रहें है गायब.इन दिनों शातिर ठग ऑनलाइन प्रसव सहायता के नाम पर गर्भवती महिलाओं से ठगी कर रहे हैं.शातिर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत सहायता दिलाने के नाम पर नए-नए तरीकों से ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं.यहां कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास भी इस तरह की काल आ रही और उनसे गर्भवती महिलाओं के बारे में डिटेल जानकारी मांग रहे हैं.ठगी की बातें सामने आने के बाद अब बहुत सी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तो जानकारी उपलब्ध नहीं करा रही हैं लेकिन पूर्व में मिली जानकारी से कई गर्भवती महिलाएं ठगी का शिकार हो चुकी हैं.
साइबर ठगों के निशाने पर इस बार गर्भवती महिलाएं हैं.शातिर गर्भवती महिलाएं या जिनका प्रसव हुआ है, उन्हें फोन कर प्रसव सहायता देने के नाम पर उनसेे बैंक खाता नंबर, एटीएम कार्ड की डिटेल, पिन नंबर आदि की जानकारी लेते हैं. इसके बाद उनके खाते से पैसे निकाल लेते हैं.शातिर स्वास्थ्य विभाग व आंगनबाड़ी से डाटा चुरा कर इन महिलाओं व उनके परिजनों से प्रसव सहायता ऑनलाइन भेजने के नाम पर ठगी कर रहे हैं.गर्भवती महिलाओं के नाम से प्रधानमंत्री मातृत्व सहायता देने के नाम पर गर्भवती महिलाओं को फर्जी कॉल आ रहे हैं.वे इन महिलाओं को जिला अस्पताल से हूं,कहकर फोन कर रहे हैं और प्रधानमंत्री मातृत्व योजना का लाभ दिलाने की बात कर रहे हैं.वे इस दौरान उनके खाते में जमा राशि,आधार कार्ड,खाता नम्बर सहित अन्य जानकारी ले रहे हैं.अगर किसी के खाते में राशि कम है तो वे महिलाओ से और राशि जमा करने कह रहे हैं
ताकि योजना का लाभ मिल सके.जैसे ही इन महिलाओं के खाते में पर्याप्त राशि होती है,ठग अपने तरीके से उनके खाते से राशि आहरित कर ले रहे हैं.ठगी का शिकार हुई महिलाओं को उनके खाते से राशि गायब होने की जानकारी तब हो रही है जब उनके खाते से जुड़ा मैसेज आ रहा है या बैंक में जाकर खाते की जांच करा रहे हैं.प्रतापपुर क्षेत्र में ठगों के फोन आने की जानकारी मिल रही है,बहुत सी महिलाओं को उन्होंने ठगी का शिकार भी बनाया लेकिन अभी ज्यादा मामले सामने नहीं आ सके हैं जो ठगी का शिकार बनी हैं.बातें ये भी सामने आ रही हैं कि इन ठगों ने अपना जाल प्रतापपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में फैला रखा है और लोग उनके झांसे में ठगी का शिकार हो भी रहे हैं.
ये हो चुकी हैं ठगी का शिकार…
प्रतापपुर ब्लॉक में फोन तो कई महिला हितग्राहियों के पास आ चुके हैं लेकिन अभी तो दो ही महिलाओं के खातों से राशि गायब होने की जानकारी मिली है.पहला मामला जरही सेक्टर के ग्राम पंचायत मरहट्टा के सरनापारा का है जहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नामकुलती पैकरा है.यहां मातृत्व वंदना हितग्राही का नाम पार्वती यादव पति शिवलाल है जिससे 8 हजार 6 सौ रुपये की ठगी हुई है.इनसे ठगों ने खाते को लेकर पूरी जानकारी ली थी,जिसके बाद उनके खाते से यह राशि गायब हो गई थी.दूसरा मामला पहिया का है जहां अब्दुल गफ्फार की पत्नी नगमा हितग्राही हैं.यहां मितानिन के पास फोन आया था, वही महिला से बात कराई थी जिसके बाद उसके खाते से 23500 गायब हो गए थे, इन्होंने सम्बंद्धित थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी.इनके अलावा कई मामले हैं जिनमे सतर्कता के कारण हितग्राही ठगी का शिकार होने से बच गई हैं.
ठग देते हैं भद्दी भद्दी गालियां…
मिली जानकारी के अनुसार उक्त ठग जानकारी न देने पर कार्यकर्ताओं से बदतमीजी करते हुए भद्दी भद्दी गालियां देते हैं.एक कार्यकर्ता ने बताया कि जब अननोन नम्बर से फोन आया तो थोड़ी बात करने के बाद उसने अपने पति को फोन दे दिया और जब उसके पति ने कुछ भी जानकारी देने से मना किया तो वह गालियां बकने लगा था.इसी तरह एक अन्य कार्यकर्ता ने बताया कि उसने भी जब जानकारी नहीं होने की बात कही थी तो सामने वाला उसे गालियां देने लगा था.
परियोजना अधिकारी सतर्क रहने की लगातार कर रहीं हैं अपील…
चर्चा के दौरान परियोजना अधिकारी सरिता सिंह ने बताया कि उन्होंने सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ हितग्राहियों को सतर्क रहने की समझाइश दी गई है.व्हाट्सएप ग्रुप व अन्य माध्यम से कार्यकर्ताओं को हिदायत दी गई है कि वे ऐसे फोन कॉल पर बात न करें और नहीं किसी हितग्राही की जानकारी देते हुए बात कराएं.उन्होंने कहा कि उनका विभाग इस ठगी को रोकने प्रयास कर रहा है लेकिन ठग अन्य माध्यमो से भी हितग्राहियों की जानकारी इकट्ठा कर उनसे बात कर रहे हैं,हो सकता है बड़ी सँख्या में लोग ठगी का शिकार हुए भी हों,उन्हें रोकने वृहद स्तर पर जागरूकता लाने और संयुक्त प्रयास की जरूरत है.
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ये है,जिसमें तीन किश्तों में मिलती है राशि
सरकार की इस योजना में कुल छः हजार रूपये की मदद की जाती है.यह रकम जच्चा-बच्चा को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दी जाती है.इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना होता है ताकि वह खुद के साथ-साथ अपने नवजात की भी देखभाल कर सकें.गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है.इसके तहत छह हजार की राशि विभिन्न किश्तों में मिलती है,पहली किस्त 1000 की होती है जो कि गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण के समय प्रदान की जाती है.दूसरी किस्त को गर्भावस्था के 6 महीने बाद और प्रसव के पहले दिया जाता है.दूसरी किस्त में लाभार्थी को 2000 मिलते हैं.तीसरी किस्त बच्चे के जन्म और उसके पंजीकरण तथा तमाम टीकाकरण के प्रथम चक्र पूरा होने पर मिलती है.इसके तहत लाभार्थी को 2000 दिए जात हैं.वहीं 1000 का अतिरिक्त लाभ जननी सुरक्षा योजना के तहत महिला को प्रसव के ही दौरान दे दिया जाता है.