छत्तीसगढ़ : सात बाल श्रमिकों को तमिलनाडु के सेलम से लाकर अभिभावकों को सौंपा गया

अफरोज खान
सूरजपुर. रोजगार के अवसर कम उपलब्ध होने,गरीबी तथा अज्ञानता के कारण सूरजपुर जिले के पिछड़े क्षेत्र,आदिवासी क्षेत्र के बच्चों को बेहतर भविष्य का सपना दिखा,ज्यादा कमाई का लालच दें कर दलालो के द्वारा बाल श्रमिकों की तस्करी करके अन्य राज्यों में भेज रहें है.पैसा कमाने और सुनहरा भविष्य का लालच दिखाकर दलालो के द्वारा बाल श्रमिकों और श्रमिकों का पलायन कराया जा रहा है.कुछ ऐसा ही मामला सूरजपुर जिले के दुर्गम दुरस्थ क्षेत्र बिहारपुर का सामने आया जिसमें बच्चों को कुछ ऐजेन्टों के द्वारा ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर तमिलनाडु के सेलम जिला ले जाया गया था.उन सात बच्चों को बरामद कर सकुशल वापस सूरजपुर लाया गया और उनके परिवार को यही पर बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने का आश्वाशन दें कर सौंप दिया गया.

मिली जानकारी अनुसार बाल संरक्षण टीम तमिलनाडु ने सूरजपुर प्रशासन को सूचित कर जानकारी दी की उनके जिले के सात बच्चों को सेलम के एक औद्योगिक इकाई से बरामद किया गया है.जानकारी प्राप्त होते ही यहां टीम हरकत में आकर पुष्ट जानकारी के साथ तमीलनाडू के सेलम जिला के लिए रवाना हुई.तमिलनाडु गये बच्चों का नाम पता मंगाया गया.जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने तत्काल गृह सत्यापन कर तमिलनाडु भेजा और वहां के जिला बाल संरक्षण इकाई एवं होम्स से सम्पर्क कर उन्हें यहां लाने हेतु स्कार्ट नियुक्ति किया.छत्तीसगढ़ : सात बाल श्रमिकों को तमिलनाडु के सेलम से लाकर अभिभावकों को सौंपा गया

इसी बीच कुछ बच्चों में कोरोना पाजीटिव के लक्षण आने से उनका आना एक बार निरस्त कर दिया गया. फिर कोरोना संक्रमण दर कम होने तथा बच्चों के स्वस्थ्य होने पर उन्हें तमिलनाडु से लेकर टीम आई.रायपुर से जिला बाल संरक्षण अधिकारी सभी बच्चों के साथ स्कार्ट टीम सूरजपुर लेकर आई.संयुक्त जिला कलेक्टेट्र में सभी बच्चों सहित आय हुए स्टाप को कोविड टेस्ट कराया गया. सभी के रिपोर्ट निगेटिव आने के पश्चात् जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रवेश सिंह सिसोदिया से सभी बच्चों को मिलाया गया, उन्होंने सभी का परिचय लिया और उन्होंने कहा कि सभी को काम यहीं मिल जायेगा.अधिक लाभ के लालच में बाहर ना जाये.

बाद में सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति सूरजपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया.समिति द्वारा सभी बच्चों को उनके अभिभावक के सुपुर्द किया गया,साथ ही सभी को समझाइश दी गई कि अब बच्चों को बहकावे में किसी भी काम से बाहर ना भेजें और उनके परिवार के रोजगार की व्यवस्था यहीं की जायेगी. बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाये,उन्हें शिक्षा से दूर ना किया जाये.

बच्चों को सुपुर्द करने में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष किरण बघेल,सदस्य राजेश शर्मा,कविता सिंह,फरीदा खान, घनश्याम राजवाड़े,जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल,संरक्षण अधिकारी सुश्री प्रियंका सिंह, परामर्श दाता जनेन्द्र दुबे,हर गोविन्द चक्रधारी,चाईल्ड लाईन ओड़गी से राधा यादव,अनवरी खातुन, ग्राम पंचायत पासल के सरपंच रविशंकर एवं सभी बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे.

जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बताया की बच्चों का फालोअप अब करते रहेंगे तथा उनके द्वारा उन्हें शिक्षा से जोड़ने की कार्यवाही की जायेगी.बच्चों को तमिलनाडू से सूरजपुर लाने वालों में भगाराम एस०, महेश्वरन,रामचन्दन,महेन्द्ररन एस०टी०,धनुवासन टीम भी उपस्थित रही.

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