नई दिल्ली : आखिरी क्षण में आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक शख्स पर दांव खेला और पंजाब में उसका जादू चल गया. इस शख्स ने पंजाब में ऐसा ‘झाड़ू’ चलाया कि सभी दलों को साफ कर दिया. पंजाब की दो प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (बादल) तक का सूपड़ा साफ कर दिया. भारतीय जनता पार्टी (BJP) का वैसा कोई वजूद यहां नहीं था, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद चुनाव हार गये.
जिस शख्स को अरविंद केजरीवाल ने पंजाब का मुख्यमंत्री कैंडिडेट घोषित किया था, उस शख्स का नाम है भगवंत मान (Bhagwant Mann). भगवंत मान संगरूर से आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद हैं. कॉमेडी और एक्टिंग की दुनिया से निकलकर आम आदमी पार्टी के जरिये राजनीति में कदम रखने वाले भगवंत मान का कई विवादों से नाता रहा है. यहां तक कि मदिरा पीकर संसद में जाने के भी उन पर आरोप लगे.
तमाम आरोपों के बावजूद भगवंत मान की लोकप्रियता पंजाब में कम नहीं हुई. जब अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो शायद उन्हें भी उम्मीद नहीं रही होगी कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की ऐसी एकतरफा जीत होगी. भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी के लिए ऐसी बैटिंग की कि पंजाब के बड़े-बड़े दिग्गज इस बार चुनाव में धराशायी हो गये.
महज 48 साल के भगवंत सिंह मान ने कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी दलवीर सिंह गोल्डी को 58,206 मतों के अंतर से पराजित किया है. उन्होंने धुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. 12वीं पास भगवंत मान पर एक आपराधिक मामला दर्ज है. उनकी कुल संपत्ति 1.97 करोड़ रुपये की है.
जाने-माने कलाकार और काॅमेडियन रह चुके हैं. राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने पंजाब पीपुल्स पार्टी से की थी. बाद में आम आदमी पार्टी के साथ चले गये. वर्ष 2014 में पहली बार लोकसभा के सदस्य चुने गये. एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने उन्हें वर्ष 2019 में संगरूर से अपना उम्मीदवार बनाया. संगरूर में उन्होंने फिर से अपना सिक्का जमा दिया.
ज्ञात हो कि पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए 1304 उम्मीदवार मैदान में थे. आम आदमी पार्टी के 92 उम्मीदवार जीते हैं. पंजाब में कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर दलित कार्ड खेला था, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू के साथ उनकी खींचतान ने कांग्रेस का बेड़ा गर्क कर दिया.
जब मुख्यमंत्री के चेहरे की बात चल रही थी, तब आम आदमी पार्टी ने एक सर्वे कराकर भगवंत मान को अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया. भगवंत मान को जब मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया गया, तो उनकी मां को पूरा भरोसा था कि भगवंत मान चुनाव जीत जायेंगे. न केवल भगवंत ने चुनाव जीत लिया है, बल्कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री भी बनेंगे.