रायपुर – राज्य के शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के 34 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों ने नियमित संविदा में रखे जाने को लेकर हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका लगाई हैं । याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट बिलासपुर में एकल पीठ के जस्टिस पी0सैम कोशी ने की हैं द्य याचिका में नियमित रूप से बिना ब्रेक के 34 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की सेवाऐं निरंतर (लगातार ) रखे जाने की मांग की गई हैं। मामले की अगली सुनवाई 9 मई 2022 को रखी गई हैं ।
छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं (आई०टी०आई०) में सन् 2007 से लगातार 15 वर्षो से कार्यरत 34 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों ने माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर में शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था डौंडीलोहारा जिला बालोद में संविदा प्रशिक्षण अधिकारी के पद में कार्यरत श्री संजय कुमार भगत के साथ मिलकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार संविदा प्रशिक्षण अधिकारी के पद में निरंतर रखे जाने की मांग याचिका में की हैं।
हाईकोर्ट बिलासपुर के एकल पीठ में माननीय जस्टिस पी० सैम कोशी ने दिनांक 14.03.2022 को याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकारते हुए कहा है कि याचिकाकर्ताओं को संविदा प्रशिक्षण अधिकारी के पद में कार्य करते हुए लगभग 15 वर्ष हो गये है। अब जाकर राज्य सरकार द्वारा इनको संविदा प्रशिक्षण अधिकारी की नौकरी से पृथक कर (सर्विस ब्रेक) कर नये सिरे से मेहमान प्रवक्ता की भर्ती नये (नवीन) विज्ञापन के आधार पर की जा रही है। जो कि एक गलत परंपरा को प्रदर्शित कर रहा है। तथा माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन हो रहा है।
माननीय न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय (सुपीम कोर्ट) के निर्देशानुसार किसी भी संविदा प्रशिक्षण अधिकारी को दूसरे संविदा प्रशिक्षण अधिकारी, मेंहमान प्रवक्ता की भर्ती करके कार्य कर रहें निर्धारित पद से नहीं हटाया जा सकता हैं सिर्फ नवीन (फ्रेष) विज्ञापन के आधार पर नियमित भर्ती के माध्यम से ही हटाया जा सकता है किसी भी तरह के स्थानांतरण से भी नहीं हटाया जा सकता है। यह स्पष्ट निर्देश हैं जिसका पालन करना सभी राज्य सरकारों के लिए अनिवार्य हैं। तथा जिसका पालन छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा नहीं किया गया व 34 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों के पदों पर मेहमान प्रवक्ता की नवीन भर्ती के विज्ञापन जारी कर दिये गये हैं।
माननीय हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि प्रथमतः (प्रारंभिक रूप) से इस केस में स्टे (स्थगन) देने के मजबूत आधार हैं। इसे देखते हुए ही छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों के विरुद्ध जारी मेहमान प्रवक्ता भर्ती में पूरे राज्य में रोक (स्टे) लगा दी गई हैं साथ ही साथ 34 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियो की सेवा निरंतर रखे जाने के निर्देश माननीय हाईकोर्ट ने दिये हैं।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर में 34 याचिकाकर्ताओं संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की ओर से इस मामले की पैरवी पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के अधिवक्ता मनोज मक्कड व हाईकोर्ट बिलासपुर की अधिवक्ता रंजना जायसवाल ने की हैं।
याचिकाकर्ता
संजय कुमार भगत एवं 34 अन्य
संविदा प्रशिक्षण अधिकारी शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाऐ छत्तीसगढ़ राज्य