रायपुर : श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल दो वर्ष में 150 नेत्र (कॉर्निया) प्रत्यारोपण सर्जरी करने वाला पहला अस्पताल बन गया है
रायपुर, 12 April: छत्तीसगढ़ के प्रमुख नेत्र चिकित्सालय श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल ने पहली बार तीन दुर्लभ नेत्र (कॉर्निया) प्रत्यारोपण सर्जरी (केराटोप्लास्टी )एक साथ एक ही दिन में श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक आयोजित करी। ऐसी दुर्लभ सर्जरी एक ही दिन में करने वाला ये छत्तीसगढ़ का पहला आई हॉस्पिटल है।पिछले दो वर्ष में सफलतापूर्वक150 नेत्र (कॉर्निया) प्रत्यारोपण की। यह आंकड़ा अपने आप में यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि सर्जरी और पोस्ट-सर्जिकल देखभाल यहां बेमिसाल है।
नेत्र (कॉर्निया) प्रत्यारोपण का मतलब है कॉर्निया को सर्जरी के द्वारा बीमारी के अनुसार पूरी तरह या आंशिक रूप से बदलना। ग्राफ्ट को हाल ही में मृत व्यक्ति से लिया जाता है जिसका कोई ज्ञात रोग या अन्य कारकपता नहीं होता जो कि दान किए गए ऊतक के अस्तित्व या प्राप्तकर्ता के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। कॉर्निया आपकी आंख के सामने की स्पष्ट परत है जो प्रकाश को केंद्रित करने में मदद करती है। जिससे आप स्पष्ट देख सकते हैं। यदि यह क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो आपको इसे प्रतिस्थापित करने की आवश्यकता हो सकती है।
अस्पताल आंखों की देखभाल और आंखों की सर्जरी के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। डॉ अमृता मुख़र्जी व उनकी प्रवीण नेत्र विशेषज्ञों की टीम तथा युवा और उत्साही नेत्र विशेषज्ञों की टीम कॉर्निया प्रत्यारोपण को संभालने में सक्षम और निपुण है। अब तक अस्पताल ने मध्य भारत क्षेत्र में कॉर्नियल सर्जरी की अधिकतम संख्या को सफलतापूर्वक पूरा करने का एक सराहनीय रिकॉर्ड अर्जित किया है, जिनमें से 150 केराटोप्लास्टी पिछले दो वर्ष में की गई है।
डॉ चारुदत्त कलमकर, प्रसिद्ध नेत्र सर्जन और निदेशक श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल कहते हैं, “छत्तीसगढ़ में लोग अब नेत्र दान का महत्व समझ रहे हैं। मुझे ख़ुशी है की हम एक ही दिन एक साथ में ये दुर्लभ सर्जरी कर पाए. जिन रोगियों को कॉर्निया की जटिल बीमारी थी और उन्होंने उम्मीद खो दी थी उन्हें कॉर्नियल प्रत्यारोपण से बहुत लाभ हुआ। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जहां एक क्षतिग्रस्त या रोगग्रस्त कॉर्निया को दान द्वारा प्राप्त किए गए कॉर्नियल ऊतक (ग्राफ्ट) द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है। ”
उन्होंने आगे कहा कि, “जांजगीर निवासी ४२ वर्षीय सोनसाय सिदार , कवर्धा कबीरधाम निवासी ६५ वर्षीय सवाना बाई जायसवाल व राजंदगाव निवासी ३१ वर्षीय कविता मरावी की ये केरेटोप्लास्टी सर्जरी एक ही दिन एक साथ करी गए जो पुरे छत्तीसगढ़ में किसी में ऑय हॉस्पिटल में पहली बार हुआ है। “
कॉर्निया प्रत्यारोपण, जिसे केराटोप्लास्टी भी कहा जाता है, दृष्टि को वापस ला सकता है, दर्द को कम कर सकता है, और यदि यह सफेद और जख्मी हैतोसंभवतः आपके कॉर्निया की उपस्थिति में सुधार ला सकता है । कॉर्निया प्रत्यारोपण द्वारा कई प्रकार की आंखों की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है, जिसमें शामिल हैं:
• चोट लगने या संक्रमण के कारण कॉर्नियल स्कारिंग
• संक्रमण केकारण होने वाला कॉर्नियल अल्सर या “घाव”
• चिकित्सा स्थिति जो आपके कॉर्निया को उभार देती है (केराटोकोनस)
• कॉर्निया का पतला होना, धुंधलापन या सूजन
• आंखों की बीमारियां, जैसे कि फुक्स डिस्ट्रोफी और ऐसी अन्य स्थितियां
• पिछली आंख के ऑपरेशन के कारण होने वाली समस्याएं