रायपुर : आजाद भारत के प्रथम कानून मंत्री, दलितों के मसीहा डाॅ. भीमराव अंबेडकर जी की 131 वीं जयंती उत्कल महिला महा मंच की महिलाओ के द्वारा धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान जयंती समारोह किया और इस अवसर पर सावित्रीबाई फुले प्रौढ़ शिक्षा मिशन का शुभारंभ किया आयोजन उत्कल नगर आकाशवाणी, रायपुर छ.ग. में सामाजिक कार्यकर्ता सावित्री जगत के नेतृत्व में, किया गया।
सर्वप्रथम महिलाओं ने बाबा साहब के चित्र में माल्र्यापण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला नेत्री व सामाजिक कार्यकर्ता सावित्री जगत ने कहा महिलाओं को असली आजादी बाबा साहेब ने संविधान के माध्यम से दिलाई हैं। पुरूष प्रधान वाली मानसिकता वाले सोच के कारण देश में महिलाओं को सैंकड़ों वर्षों से समाज के मुख्यधारा से दूर रखा गया लेकिन स्वतंत्र भारत में जब बाबा सोहब को संविधान निर्माण करने की जिम्मेदारी मिली तक उन्होंने अपने दूर दर्शी सोच के कारण संविधान में महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिलाकर महिलाओं का असली आजादी दिलाई।
आगे जगत कने कहा बाबा साहेेब ने हिन्दु बिल कोड को संसद में पेशकर महिलाओं को मजबूत आधार प्रदान करने के लिए महिलाओं के लिए खुलकर वकालत की थी बाबा साहेब ने। जगत ने कहा आज हमें सावित्री बाई फूले से प्रेरणा लेना चाहिए क्यों कि सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवियत्री थीं। उन्होंने स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए इसलिए आज यह मिशन का नाम भी हम सावित्रीबाई फुले रख रहे हैं ।
महिला समाज सेविका माला दीप ने कहा देश और समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए बाबा साहेब महिलाओं को पुरूषों के बराबर दिलाना चाहते थे महिलाओं को सशक्त बनाना चाहते थे महिला हित में उनके द्वारा उठाये गए कदम के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे। समाज सेवी वरिष्ठ नेता किशोर महानंद ने कहा आज यदि महिलाऐं अपने हक और अधिकार की बात जोर शोर से करती हैं तो उसके पीछे एक मात्र व्यक्ति डाॅ. आंबेडकर साहब ही हैं बाबा साहेब ने न सिर्फ महिलाओं को पुरूष के बराबर खड़ा कर दिया बल्कि संविधान में महिलाओं के विशेष उपबंध भी किया
समाज सेविका हेमा सागरने कहा कि वे बाबा साहेब के प्रति अपनी सच्ची श्रधांजलि अर्पित करते हुए समाज मे पिछड़े व अशिक्षित लोगो को शिक्षित करने के लिय सावित्री बाई फुले प्रौढ़ शिक्षा मिशन की शुरुआत कर रही है। पूरे समर्पण और जिम्मेदारी के साथ समाज मे शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रहे लोगो को शिक्षित करने हर सम्भव प्रयास किया जाएगा और हर संभव सहायता भी किया जाएगा।
बाबा साहेब द्वारा प्रसस्त मार्ग का अनुसरण कर समाज के ऐसे वर्गो के लोग जो जीवन यापन करने के लिए घरो , दुकानों और होटलों में साफ सफाई के काम, छोटे बड़े उद्योगों में मजदूरी का काम करते हैं, को पढ़ने के लिए किताब ,कॉपी, पेंसिल, स्लेट, चॉक और अन्य सहायक सामान बाटे गए। प्रौढ़ शिक्षा के इस पुनीत काम में सभी को पढ़ाने के लिए समाज के शिक्षित एवं होनहार युवा जनक राम तांडी ने जिम्मेदारी ली है।
आज दैनिक जीवन के सभी प्रकार के कामो जैसे राशन दुकान, पेंशन, दुकानों से सामान खरीदने, बच्चो के पढ़ाई में सभी जगह डिजिटल रूप से भुगतान किया जाता है। ऐसे में प्रौढ़ लोगो को शिक्षित कर उनके जीवन को सुगम और सरल बनाया जा सके इस अवसर पर सावित्री किशोर महानंद जनक राम टांडी माला दीप हेमा सागर गौतम मेश्राम संगीता एकता सागर सकून अंकिता सोना बहुत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहें।