मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा : छत्तीसगढ़ में 1000 परिवहन सुविधा केन्द्र खोलने की प्रक्रिया शुरू

रायपुर : छत्तीसगढ़ में परिवहन संबंधी सेवाओं का आसान और घर के निकट उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यभर में परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना की घोषणा की थी। उनकी घोषणा के बाद विभाग ने इसका प्रारूप तैयार किया और अधिसूचना के बाद अब परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना भी शुरू हो गई है। जिला स्तर पर इच्छुक लोगों से आवेदन मंगाए जा रहे हैं। इसके तहत राजनांदगांव जिले में 24 परिवहन केन्द्रों की स्थापना के लिए इच्छुक आवेदकों से आगामी 10 मई तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

गौरतलब है कि पूरे राज्यभर में 1000 के करीब परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना किया जाना है। इन सुविधा के बाद परिवहन संबंधी सुविधाओं के लिए लोगों को अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। वहीं परिवहन संबंधी सुविधाएं घर के पास ही उपलब्ध हो जाएंगी।

परिवहन संबंधी सेवाओं में विस्तार के लिए राज्यभर में परिवहन सुविधा केन्द्र की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते 26 जनवरी को घोषणा की थी। परिवहन सुविधा केन्द्र की स्थापना और भूमिका को लेकर परिवहन विभाग की ओर से प्रारूप तैयार स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक ओर जहां इन केन्द्रों की स्थापना के बाद परिवहन सुविधाओं के लिए लोगों की पहुंच आसान हो जाएगी। वहीं छत्तीसगढ़ में इसे रोजगारोन्मुखी भी बनाया जा रहा है।

परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना से करीब पांच हजार युवाओं के रोजगार सृजन की संभावना भी बनेगी। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 31 मार्च 2021 को जारी भारत सरकार के राजपत्र क्रमांक 240(अ) के अनुसार लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए परिवहन सुविधा केन्द्र को अधिकृत किया जा सकता है। मार्गदर्शिका में परिवहन सुविधा केन्द्रों में विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है।

सुविधा केन्द्र संचालन के लिए अर्हता :

परिवहन विभाग की ओर से जारी प्रारूप व मार्गदर्शिका के अनुसार कोई व्यक्ति, संगठन, संघ, सहकारी समिति या कोई भी विधिक इकाई पात्र होंगे। वहीं केन्द्र संचालन के लिए कम-से-कम 100 वर्गफीट का स्वयं का भवन या किराया अनुबंध भवन उपलब्ध होना आवश्यक है। लर्निंग लाइसेंस के लिए अलग से विभाजित कक्ष होना भी आवश्यक है। सुविधा केन्द्र संचालन के लिए आवश्यकतानुसार जीएसटी प्रमाण-पत्र या नगरीय निकाय द्वारा जारी गुमाश्ता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।

आवेदकों के लिए मूलभूत व्यवस्था सहित प्रतीक्षालय, तकनीकी कक्ष व सीसीटीव्ही कैमरा होना चाहिए। सुविधा केन्द्र संचालन के आवेदकों को उच्चतर माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण होने की योग्यता निर्धारित की गई है। वहीं डीसीए/पीजीडीसीए या समकक्ष योग्यताधारी को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदकों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।

सुविधा केन्द्रों के द्वारा आवेदकों से ली जा सकेगी निर्धारित फीस :

मार्गदर्शिका के अनुसार ऑनलाइन आवेदन के लिए सेवा शुल्क के रूप में 100 रुपये, परिवहन विभाग को ऑनलाइन फीस/टैक्स भुगतान करने के लिए (प्रत्येक एक हजार रुपये या उसके भाग के लिए) 50 रुपये, लर्निंग लाइसेंस के लिए शुल्क 50 रुपये, आवेदन पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज की स्कैनिंग, कम्प्रेसिंग व अपलोड (प्रति पेज) 5 रुपये तथा ऑनलाइन आवेदन पूर्ति के संपूर्ण दस्तावेजों का प्रिंटआउट शुल्क (प्रति पेज) 5 रुपये निर्धारित है।

अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर में नहीं फसेंगे लोग :

राज्य में परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना का सबसे बड़ा लाभ आमजनता को होगा। अब तक सही जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में लोग अनाधिकृत एजेंटों से संपर्क कर परिवहन संबंधी सेवा के लिए आवेदन करते रहे हैं। जिससे उन्हें समय अधिक लगने के साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता रहा है। परिवहन संबंधी सुविधाओं के लिए अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।

घर पहुंच सेवा में अब तक 9 लाख से अधिक लाभान्वित :

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग की ओर से 1 जून 2021 से परिवहन संबंधी 22 तरह की सुविधाओं की घर पहुंच सेवा शुरू की गई थी। इसके तहत आवेदन के बाद लाइसेंस समेत अन्य दस्तावेज आवेदन के घर डाक के माध्यम से भेजे जाते हैं। इस सुविधा के शुरू होने के बाद अब तक 6 लाख 9 हजार 188 रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट एवं 3 लाख 830 ड्राइविंग लाइसेंस लोगों को घर बैठे प्राप्त हो चुके हैं।

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